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एनएल चर्चा 273: शहरी प्रबंधन का जानलेवा ढांचा और सवाल करने वाले ट्रोल आर्मी का निशाना क्यों?
इस हफ्ते चर्चा में बातचीत के मुख्य विषय रूस में वागनर समूह का विद्रोह और फिर समझौता, पीएम मोदी का मध्यप्रदेश दौरा और समान नागरिक संहिता पर बयान, मणिपुर में दो महीने से जारी हिंसा, भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आज़ाद पर जानलेवा हमला, उत्तर प्रदेश के कई इलाक़ों में ग्रीष्म लहर और लू की घटनाओं का बढ़ना, कर्नाटक पुलिस द्वारा बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय पर एफआईआर, टमाटर के दामों में बेहताशा बढ़ोतरी, प्रधानमंत्री से अमेरिका में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल करने वाली वॉल स्ट्रीट जर्नल की पत्रकार सबरीना सिद्धिकी की ऑनलाइन ट्रोलिंग, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बराक ओबामा पर बयानी हमला, महानगरों में ख़राब प्रबंधन के कारण हो रही जानलेवा घटनाएं जिनमें में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक महिला की करंट लगने से मौत शामिल है, आदि रहे.
चर्चा में इस हफ्ते बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, प्रकाश के रे, विनीता पांडे और न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
टाइम कोड्स:
00:00:00 - 00:8:43 - इंट्रो व हैडलाइंस
00:08:45 - 00:41:20 - शहरी प्रबंधन
00:41:25 - 01:13:45 - पीएम मोदी से सवाल करने वाली पत्रकार सबरीना सिद्दीकी की ट्रोलिंग
01:13:46 - 01:36:03 - रूस में वागनर समूह का विद्रोह और समझौता
01:36:03 - जरूरी सूचना व सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
हृदयेश जोशी
नेटफ्लिक्स पर डॉक्यूमेंट्री सीरीज़- आवर प्लेनेट (सीजन 2)
प्रकाश के रे
फिल्म- अफवाह
वेब सीरीज- लस्ट स्टोरीज पार्ट 2
आनंद वर्धन
क़िताब-द आर्ट ऑफ़ डूइंग नथिंग: सिंपल वेज़ टू मेक टाइम फॉर योअरसेल्फ
द मिंट पे मनु जोसेफ का लेख- देअर इज़ ए फ्यूच़र फॉर बोरडम इन द एज़ ऑफ इमर्सिव फन
अतुल चौरसिया
पियूष बबेले की किताब: गांधी: सियासत और साम्प्रदायिकता
ट्रांस्क्राइबः तस्नीम फातिमा
प्रोड्यूसरः आशीष आनंद
एडिटर: समरेंद्र
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एनएल चर्चा 363: औरंगज़ेब पर विवाद के बाद नागपुर में हिंसा और सवालों के घेरे में ईडी
01:20:39|इस हफ्ते फिल्म छावा से उठे विवाद के बाद औरंगज़ेब की कब्र हटाने की मांग और नागपुर में भड़की हिंसा, वित्त मंत्रालय द्वारा संसद में बताया गया कि पिछले 10 वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राजनेताओं के खिलाफ 193 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से केवल दो में ही दोषसिद्धि हुई और नाबालिग के साथ बलात्कार के प्रयास के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के विवादित बयान को लेकर भी विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में तत्काल और पूर्णरूप से युद्धविराम करने की मांग को किया ख़ारिज, इजराइली सेना द्वारा ग़ाज़ा पट्टी में हुए हमले में 400 से ज़्यादा मौतें, मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले में दो समुदायों के बीच झड़प, लोकसभा में महाकुंभ में मारे गए लोगों का कोई आंकड़ा केंद्र के पास नहीं, दिल्ली हाई कोर्ट के एक जज यशवंत वर्मा को लेकर हुए विवाद के बाद उनका इलाहाबाद हाई कोर्ट तबादला, चुनाव आयोग ने बूथवार डाटा जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दी अंडरटेकिंग और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में अटके दो यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर वापस सुरक्षित लौटे आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में रही. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार अफरीदा रहमान अली और स्मिता शर्मा शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रधान संपादक रमन किरपाल और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब पर चल रहे विवाद के बाद भड़की हिंसा को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए शार्दूल कहते हैं, “1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद भी नागपुर में दंगे नहीं भड़के थे और दशकों से जारी शहर की शांति इन दंगों के साथ भंग हो गई, यह आश्चर्य की बात है कि जो बात मराठा साम्राज्य में नहीं उठी, आज़ादी के बाद नहीं उठी वह आज की सरकार में प्रदर्शन और दंगों का विषय बन गई. यह लड़ाई वास्तव में राजनीतिक वर्चस्व की है.”इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए अफरीदा कहती हैं, “इसकी शुरुआत यहां से हुई कि बजरंग दल और विहिप प्रदर्शन कर रहे थे कि औरंगज़ेब के मकबरे को हटाया जाए, किसके खिलाफ यह प्रदर्शन कर रहे हैं, कौन हटाए? डबल इंजन की सरकार है, बेझिझक हटाइए, हटा सकते हैं तो जड़ से हटा दीजिए मगर इसे नहीं हटाया जाएगा, इसे पकाया जाएगा.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना03:30 - सुर्खियां12:20 - इलाहाबाद हाई कोर्ट की विवादित टिप्पणी 26:30 - नागपुर में दंगा 59:30 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 01:01:28 - सवालों के घेरे में ईडी 01:15:08 - सलाह और सुझावट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद , तीसता रॉय चौधरी एडिटिंग: आशीष आनंदएनएल चर्चा 362: औरंगजेब पर बवाल और नफरती सियासत के बीच होली का त्योहार
01:40:17|इस हफ्ते फिल्म छावा से उठे औंरंगज़ेब को लेकर विवाद और संभल के सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी द्वारा होली और जुमा एक दिन पड़ने पर विवादित टिप्पणी किए जाने को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस द्वारा औरंगज़ेब के मक़बरे को शंभाजी नगर से हटाए जाने की मांग के समर्थन करने, जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में फैशन शो के बाद राजनीतिक तनाव पैदा होने, यूपी के सीएम द्वारा संभल के सीओ अनुज चौधरी की विवादित टिप्पणी का समर्थन करने, म्यांमार में बंदी बनाए गए 283 भारतीयों को छुड़ाने और वैश्विक वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 में दिल्ली के दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी में शुमार होने आदि की ख़बरें भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में रही. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी और इतिहास की स्कॉलर रुचिका शर्मा शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और स्तंभकार आनंद वर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब पर चल रहे विवाद को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “औंरगजेब के कामकाज, राजनीति, जो वह समय था, जिस तरह का व्यक्तित्व था औंरंगज़ेब का, आज के समय में उसे कैसे देखा जाना चाहिए?इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए रुचिका कहती हैं, “आज हम चीज़ों को धर्म में बांट देते हैं, इसलिए हम समझ नहीं पाते लेकिन यह असल में राजपूत वर्सेज़ मराठा फाइट थी, जो दो अलग-अलग साम्राज्यों के लिए लड़ी जा रही थी. मराठा बिल्कुल अलग थे और मुस्लिम हुकूमत बिलकुल अलग थी, यह सोचना ग़लत है. वहीं औरंगज़ेब की बात करें तो उसकी यह छवि अंग्रेज़ों ने बनाई सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना04:00 - सुर्खियां13:20 - औरंगज़ेब को लेकर विवाद01:03:00 - होली पर संभल के सीओ का विवादित बयान 01:30:42 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएशार्दूल कात्यायन पुणे शहर पर प्रतीक गोयल की रिपोर्ट फिल्म - ब्लैक फ्राइडे आनंद वर्धन मिंट पर मनु जोसेफ के लेख 1. हाउ एंटरटेनमेंट गॉट बोरिंग इन द एज ऑफ़ स्ट्रीमिं 2. अमेरिका एंड द बेयरेबल लोनलिनेस ऑफ़ लूज़िंग द वेस्ट3. अवर पॉलिटिक्स इस यूज़अली शेप्ड बाई द पीपल वी डिसलाइ स्क्रॉल पर गिरीश शहाणे का लेख डॉ रुचिका शर्मा नेटफ्लिक्स सीरीज़ -कंक ऑन अर्थअतुल चौरसिया भारत एक खोज टीवी सीरीज़ किताब - द मैन एंड द मिथ ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: तीस्ता रॉय चौधरी एडिटिंग: हसन बिलालएनएल चर्चा 361: आकाश आनंद का बसपा से निष्कासन और डोनाल्ड ट्रंप की ‘लट्ठमार’ राजनीति
01:46:03|इस हफ्ते अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच हुई बहस और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती द्वारा भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित किए जाने को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर अमेरिका की यात्रा पर, इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार देहरादून प्रशासन ने ग्यारह मदरसों को सील किया, मुंबई हाईकोर्ट द्वारा माधवी पुरी बुच पर एफआईआर दर्ज करने के एसीबी अदालत के आदेश पर रोक, महाराष्ट्र के उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजानिक वितरण मंत्री धनंजय मुंडे ने बीड ज़िले में एक सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में उनके क़रीबी का नाम आने के बाद दिया इस्तीफ़ा और मुरादाबाद में एक नाबालिग़ बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में रहीइस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश के रे और राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.मायावती द्वारा अपने भतीजे अकाश आनंद को पार्टी से निकाले जाने को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “क्या हो रहा है आकाश आनंद के साथ? आकाश के बारे में यह कहा जाता है कि मायावती बहुत कम लोगों को पसंद करती हैं और उन लोगों में जिसे सबसे ज़्यादा पसंद करती हैं वह आकाश आनंद हैं. तो क्या यह फैसला दोबारा पलटने की संभावना है?”इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए अमिताभ कहते हैं, “बसपा एक ऐसी पार्टी है, इसमें पारिवारिक उत्तराधिकारी का प्लान नहीं चलता है, कांशीराम ने अपने बाद किसी परिवार के सदस्य को चुनने के बजाए मायावती को चुना, वर्तमान में मायावती कह रही हैं कि वे अपना उत्तराधिकारी अभी घोषित नहीं करेंगी लेकिन कहीं न कहीं वे परिवार के ही सदस्यों को नेशनल को-ऑर्डिनेटर बना रही हैं.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना04:12 - सुर्खियां13:20 - बसपा के आंतरिक विवाद 57:01 - अमेरिका के साथ ट्रेड 01:32:42 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएप्रकाश के रे नेटफ्लिक्स सीरीज़ -ज़ीरो डेअमिताभ तिवारी नेटफ्लिक्स सीरीज़ -ज़ीरो डे नेटफ्लिक्स सीरीज़ - डब्बा कार्टलविकास जांगड़ा यूट्यूब वीडियो - ग्लोबल कैपिटलिज़्म: व्हाट ट्रंप 2.0 मीन्स नेटफ्लिक्स सीरीज़ -सर्वेंट ऑफ़ द पीपल बामसेफ क्या है ?शार्दूल कात्यायन - नाटो एक्सपेंशन- व्हाट गोरबाचेव हर्डगेम - मॉन्स्टर हंटर वाइल्ड्स आज़ादी के बाद नेहरू का पहला इंटरव्यू अतुल चौरसिया किताब - द सीज़ ऑफ़ दिल्लीताब - विद एचएम 9th लैंसर्स ड्यूरिंग द इंडियन म्युटिनीट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंदएडिटिंग: बिलाल हसनएनएल चर्चा 360 : परिसीमन, भाषा और शिक्षा नीति पर दक्षिणी राज्यों की चिंता और दिल्ली विधानसभा में कैग रिपोर्ट प्रस्तुत
01:39:09|इस हफ्ते परिसीमन को लेकर तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच हुई तनातनी और दिल्ली विधानसभा में आबकारी नीति मामले पर कैग रिपोर्ट प्रस्तुत करने को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा तेलंगाना के श्रीसेलम लेफ्ट बैंक कनाल प्रोजेक्ट में सुरंग ढह जाने से आठ लोग फंसे, उत्तराखंड के चमोली में हिमस्खलन में 57 लोग दबे, पुणे में एक 26 वर्षीय महिला का एक बस में बलात्कार, पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने ग्लेशियर संरक्षण को लेकर पीएम मोदी को लिखा पत्र और रूस का विरोध करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में हुई वोटिंग आदि भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में रही. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह और एवं हृदयेश जोशी शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और स्तंभकार आनंद वर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “अगर परिसीमन की बात करें तो जब जनसंख्या के आधार पर सीटों के बढ़ने-घटने की बात आएगी तो सीटों का पैमाना केवल जनसंख्या नहीं हो सकता यदि यही पैमाना रहा तो उत्तर के मुक़ाबले दक्षिण के राज्य पावर बैलेंस में कहीं पीछे छूट जाएंगे, यह बेहद स्वाभाविक सी चिंता है.”इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए हृदयेश कहते हैं, “भारत का 2002 का जो परिसीमन हुआ था तब से लेकर अब तक क़रीब 30-32 करोड़ की आबादी बढ़ी है और इससे जो तस्वीर निकलकर आ रही है उसमें उत्तर प्रदेश और बिहार में 25 सीटों का बढ़ना तय माना जा रहा है और दक्षिण में 15 सीटों को नुकसान होगा.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना05:00 - सुर्खियां12:32 - केंद्र और तमिलनाडू विवाद 1:04:10- दिल्ली में कैग रिपोर्ट पर बहस 01:24:42 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएआनंद वर्धन मोहन राकेश की कहानी- सीमाएं हृदयेश जोशी शेखर जोशी की कहानी- कोसी का घटवार शार्दूल कात्यायन बीबीसी रिपोर्ट - बिलियन इंडियंस हैव नो स्पेंडिंग मनी फिल्म - अनफोर्गिवेन मनोज मित्ता की किताब - व्हेन अ ट्री शुक दिल्ली गुलज़ार की टीवी सीरीज़ किरदार अतुल चौरसिया सीरीज़ -द ग्रेटेस्ट राइवलरी: इंडिया वर्सेज़ पाकिस्तानट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंदएडिटिंग: आशीष आनंदएनएल चर्चा 359: यूएसएआईडी पर अमेरिका से लेकर भारत तक उठते सवाल और रेखा गुप्ता बनी सीएम
01:26:34|इस हफ्ते 27 साल बाद दिल्ली में बनी भाजपा सरकार और भारत में मतदान बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 21 मिलियन डॉलर की मदद और यूएसएआईडी को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा पहली बार की विधायक रेखा गुप्ता ने ली दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ, नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने संभाला कार्यभार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट में प्रयागराज में महाकुंभ के पानी में प्रदूषक तत्वों का जिक्र, कलिंग इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में छात्रा की आत्महत्या के बाद विवाद और 15 फ़रवरी की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत आदि ख़बरें भी हफ्तेभर की सुर्खियों में शामिल रहे.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा और द रेड माइक के सह संस्थापक एवं पत्रकार सौरभ शुक्ला शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “आप जब दुनिया के बहुत शक्तिशाली देशों की बात करते हैं और अमेरिका की चौधराहट का जिक्र होता है, वह यूएसएआईडी समेत ऐसे ही कई और छोटे-छोटे तरीकों से हासिल होती है.”इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए सौरभ कहते हैं, “2015 में यूएसएआईडी ने स्वच्छ भारत अभियान को फंड किया. इसके अलावा भी कई सारी सरकारी योजनाओं को यूएसएआईडी ने फंड किया.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना05:00 - सुर्खियां22 :05 - यूएसएआईडी पर विवाद 48:24 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 54:10- दिल्ली में बनी भाजपा की सरकार01:20:42 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएसौरभ शुक्ला अमिताव घोष की किताब - वाइल्ड फिक्शन: एसेज शार्दूल कात्यायन किताब - द इकनोमिक ग्रोथ इंजन किताब - द टाइम आई गॉट ड्रंक जॉन ऑलिवर के शो लास्ट वीक टुनाइट का एपिसोड- ट्रंप 2.0 इला चंद्र जोशी का उपन्यास- कवि की प्रेयसी विकास जांगड़ायूएसएड को लेकर जारी सुनवाई - द यूएसएआईडी बिट्रेयल स्मिता शर्मा द रेड माइक पर सौरभ शुक्ल की राणा सफ़वी के सा बातचीत सीरीज़ -श्रिंकिंग प्रोफ़ेसर जॉन मिर्शिमर को पढ़ें अतुल चौरसिया धर्मवीर भारती का उपन्यास - गुनाहों का देवताट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंदएडिटिंग: आशीष आनंदएनएल चर्चा 358: पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा, डार्क कॉमेडी के नाम पर अभद्र टिप्पणी और मणिपुर का सवाल
01:26:10|इस हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे, पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया की अभद्र टिप्पणी और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा अडाणी ग्रुप ने श्रीलंका में पवन परियोजना से खींचे हाथ, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने वक़्फ़ से जुड़ी जेपीसी रिपोर्ट को बताया अधूरा, ग़ाज़ा में बंधक बनाए इजराइली नागरिकों को लेकर ट्रंप की चेतावनी, एक रिपोर्ट के मुताबिक, हेट स्पीच के मामलों में भारत में बीते साल के मुकाबले 74.4 फीसदी की वृद्धि और राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान भारतीय संविधान की नई प्रतियों को लेकर हंगामा आदि विषय भी हफ्तरेभर तक चर्चा में इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान बीबीसी की पत्रकार सर्वप्रिय सांगवान शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रधान संपादक रमन किरपाल, स्तंभकार आनंद वर्धन और विकास जांगड़ा शामिल हुए. चर्चा का संचालन वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए हृदयेश कहते हैं, “मणिपुर में यह ग्यारहवीं बार है, जब यहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया है. बड़ी संख्या में वहां पर फ़ौज की तैनाती है. एक राज्य के लिए यह बेहद मायूस करने वाली बात है.”इस मुद्दे पर रमन कहते हैं, “इस तरह के जो जनजातीय विवाद हैं, उसके राजनीतिक प्रबंध के कई तरीके थे. एक तो यह जो बड़ा समुदाय है, उसके नेता के साथ बातचीत करके एक भरोसा क़ायम किया जाए और दूसरे समुदाय के बीच भी विश्वास बनाया जाए, लेकिन वहां की सरकार इसमें नाकाम रही.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना03:36 - सुर्खियां8:05 - रणवीर इलाहाबादिया की अभद्र टिप्पणी 27:10- मणिपुर में राष्ट्रपति शासन 50:50 - पीएम मोदी का अमेरिका दौरा 01:18:10 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएसर्वप्रिया सांगवानवेब सीरीज - पेरेंटहुडपूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ काइंटरव्यू रमन किरपाल फिल्म- मिसेज़ मणिपुर पर न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्ट् आनंद वर्धन किताब - नालंदा: हाउ इट चेंज्ड द वर्ल्ड विकास जांगड़ा हिंदी फिल्म - मुल्क समय रैना और बियर बाइसेप्स विवाद पर लेख पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंदएडिटिंग: आशीष आनंदएनएल चर्चा 357: बजट से बढ़ेगी किसकी बचत और दिल्ली विधानसभा चुनाव
01:20:49|इस हफ्ते साल 2025-26 के लिए भारत सरकार द्वारा पेश बजट और दिल्ली चुनावों को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा 5 फ़रवरी को दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए हुए मतदान, प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी और संगम में लगाई डुबकी, गुजरात में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कमेटी का गठन, भाजपा सांसदों द्वारा सोनिया गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस, अमेरिका से जबरन वापस भेजे गए 104 भारतीय और अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा ग़ाज़ा पट्टी पर अमेरिकी नियंत्रण का प्रस्ताव रखना आदि विषय भी हफ्तरेभर तक चर्चा में रहेइस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान अर्थशास्त्री मिताली निकोर और द कारवां के हिंदी संपादक विष्णु शर्मा ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से रिपोर्टर अवधेश कुमार शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए शार्दूल कहते हैं, “2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया है, उसके लिए औसतन आठ प्रतिशत की बढ़त चाहिए जबकि इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक़, 6.3 से 6.8 तक ही बढ़त रह सकती है. सरकार यह कैसे कर पाएगी और बढ़त यही है तो विकसित भारत का सपना कैसे पूरा हो पाएगाइस मुद्दे पर मिताली कहती हैं, “विकसित भारत 2047, एक बहुत अच्छा लक्ष्य है, जो सुनने में काफी अच्छा भी लगता है. चाहे 6% हो या 6.5% भारत आज भी सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है. हमारा प्रदर्शन 8% के पास न दिखे लेकिन 6 या 6.5 फीसदी प्रदर्शन भी उतना बुरा नहीं है.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना03:15 - सुर्खियां15:20- बजट के क्या फायदे 51:18 - दिल्ली के चुनाव01:15:10 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएमिताली निकोर फॉलो - nikoreassociates.comफिल्म - द ग्रेट इंडियन किचन विष्णु शर्मा हरतोष सिंह बल का मनमोहन सिंह पर लेख शार्दूल कात्यायन दिल्ली चुनाव के घोषणापत्र पर शिवनारायण की रिपोर्टवेब सीरीज़- साइलोमिनी टीवी सीरीज़- एंड देन देअर वर ननअवधेश कुमार अश्विनी वैष्णव पर न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्ट कुंभ से बसंत कुमार की ग्राउंड रिपोर्ट ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद & तीस्ता रॉय चौधरी एडिटिंग: आशीष आनंदएनएल चर्चा 356: महाकुंभ में भगदड़ की भेंट चढ़ी जिंदगियां और जुबानी जंग की चुनौतियों के बीच दिल्ली विधानसभा चुनाव
01:50:27|इस हफ्ते प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में भगदड़ में कई लोगों की मौत, दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच चल रही खींचतान अब बहस और चुनौती देने तक पहुंची आदि विषयों पर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन, दिल्ली चुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक महीने के लिए मिली पैरोल आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक चर्चा का विषय रहीं.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी और आकांक्षा कुमार ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से स्तंभकार आनंद वर्धन और सह संपादक शार्दूल कात्यायन शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “भगदड़ से पहले कुंभ में अव्यवस्था को लेकर अनेकों-अनेक वीडियो सामने आ रहे थे. 7 हज़ार करोड़ रुपये के बजट के बाद किसी कार्यक्रम को बेकार बनाया जा सकता है, यह उसका एक उत्कृष्ट उदहारण है. यह भगदड़ नहीं पुलिस प्रशासन की ओर से आपराधिक लापरवाही है.”इस मुद्दे पर ग्राउंड से रिपोर्ट कर रही आकांक्षा कुमार कहती हैं, “यह काफी हद तक संभव है कि भगदड़ की जगह एक ही न हो. यहां स्थिति अभी भी प्रशासन के बहुत नियंत्रण में नहीं दिख रही है. शवगृह में लोग देर रात तक शव लेने आते रहे. बहुत से लोग जिनके परिजन 24 घंटों के बाद भी नहीं मिले हैं, वे शवगृह की तरफ हताशा में दौड़ रहे हैं. सरकारी आंकड़ा जो 30 लोगों का है, वह काफी संदिग्ध है.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना04:30 - सुर्खियां19:52- महाकुंभ में अव्यवस्था और भगदड़ 1:26:18 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 01:38:38 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएहृदयेश जोशी महाकुंभ पर न्यूज़लॉन्ड्री कीरिपोर्ट वायु प्रदूषण पर द वायर की डॉक्यूमेंट्री आनंद वर्धन किताब - एवरीडे रीडिंग श्याम बेनेगल की फिल्म- जूनून शार्दूल कात्यायन सीरीज़- आरकेन किताब- पंजाब: द एनेमीज़ विदिन आकांक्षा कुमार किताब- अंबेडकर की प्रस्तावना महाकुंभ पर न्यूज़लॉन्ड्री कीरिपोर्ट अतुल चौरसिया महाकुंभ पर न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्टमार्क टली की किताब- द कुंभ मेला ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंदएडिटिंग: आशीष आनंदएनएल चर्चा 355: सैफ अली खान पर हमला, कलकत्ता रेप मामले में फैसला और डोनाल्ड ट्रंप के अतरंगी निर्णय
01:25:51|इस हफ्ते कलकत्ता के आर.जी. कर अस्पताल में हुए बलात्कार मामले में अदालत के निर्णय, डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ और उनके द्वारा लिए गए बड़े फैसलों समेत सैफ अली खान पर हमले के बाद शत्रु संपत्ति अधिनियम पर हो रही बहस को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा नागपुर के पास भंडारा ज़िले में आर्डिनेंस फैक्ट्री में धमाके से आठ लोगों की मौत, कोलकाता रेप मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा, दिल्ली दंगों के मामले में जेल में बंद उमर खालिद समेत आठ लोगों की रिहाई को लेकर हुई सुनवाई, महाराष्ट्र में ट्रेन हादसे में 13 लोगों की मौत और केरल की एक जिला अदालत द्वारा पतंजलि के संस्थापक रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक चर्चा का विषय रहीं. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार कल्लोल भट्टाचार्य और स्मिता शर्मा समेत वरिष्ठ अधिवक्ता सब्यसाची चटर्जी ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, ‘डोनाल्ड ट्रंप ने शपथग्रहण के तुरंत बाद कई फैसले लिए, अपनी इस दूसरी पारी में उन्होंने डब्ल्यूएचओ से समर्थन वापस लेना, अमेरिका में केवल दो जेंडर को मान्यता और चीन पर दस फीसद टैरिफ की बात की. ट्रंप उसी स्टाइल में काम कर रहे हैं, जिसके लिए वे जाने जाते हैं.”इस विषय पर अपने विचार रखते हुए स्मिता कहती हैं, “हमें पहले ट्रंप की राजनीति को समझना होगा इससे पहले कि हम भारत और दूसरे तमाम देशों पर होने वाले उनके फैसलों के असर को देखें. ट्रंप के बारे में एक बात कही जाती है कि वह जब आते हैं तो अनिश्चितता कहीं ज़्यादा होती है लेकिन यह निश्चित है कि अगर ट्रंप ने कुछ बातें कही हैं तो वह करेंगे और वह करते हुए भी नज़र आ रहे हैंसुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना07:52 - सुर्खियां15:36 - शत्रु संपत्ति और सैफ अली खान 20:50 - डोनाल्ड ट्रंप के अतरंगी फैसले 49:40 - सब्सक्राइबर्स के पत्र51:53 - आर.जी. कर अस्पताल रेप मामले में फैसला01:22:00 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएस्मिता शर्मा कल्लोल भट्टाचार्य की किताब - द ग्रेट गेम इन अफ़ग़ानिस्तानप्रो सी राजा मोहन का ट्रंप के फैसलों पर लेखआर.जी. कर अस्पताल रेप मामले पर यूट्यूब चैनल NTT की रिपोर्टकल्लोल भट्टाचार्य अमेरिकी समाचार पत्र पढ़ने की आदत डालिएसब्यासाची चटर्जी आर.जी. कर अस्पताल रेप मामले पर अदालत का फैसलाशार्दूल कात्यायन वेब सीरीज़ द पेंग्विन अतुल चौरसिया वेब सीरीज़ -पाताल लोक ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: आशीष आनंद .