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cover art for एनएल चर्चा 273: शहरी प्रबंधन का जानलेवा ढांचा और सवाल करने वाले ट्रोल आर्मी का निशाना क्यों?

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एनएल चर्चा 273: शहरी प्रबंधन का जानलेवा ढांचा और सवाल करने वाले ट्रोल आर्मी का निशाना क्यों?

इस हफ्ते चर्चा में बातचीत के मुख्य विषय रूस में वागनर समूह का विद्रोह और फिर समझौता, पीएम मोदी का मध्यप्रदेश दौरा और समान नागरिक संहिता पर बयान, मणिपुर में दो महीने से जारी हिंसा, भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आज़ाद पर जानलेवा हमला, उत्तर प्रदेश के कई इलाक़ों में ग्रीष्म लहर और लू की घटनाओं का बढ़ना, कर्नाटक पुलिस द्वारा बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय पर एफआईआर, टमाटर के दामों में बेहताशा बढ़ोतरी, प्रधानमंत्री से अमेरिका में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल करने वाली वॉल स्ट्रीट जर्नल की पत्रकार सबरीना सिद्धिकी की ऑनलाइन ट्रोलिंग, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बराक ओबामा पर बयानी हमला, महानगरों में ख़राब प्रबंधन के कारण हो रही जानलेवा घटनाएं जिनमें में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक महिला की करंट लगने से मौत शामिल है, आदि रहे.

चर्चा में इस हफ्ते बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, प्रकाश के रे, विनीता पांडे और न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.


टाइम कोड्स:

00:00:00 - 00:8:43 - इंट्रो व हैडलाइंस 

00:08:45 - 00:41:20 - शहरी प्रबंधन  

00:41:25 - 01:13:45 - पीएम मोदी से सवाल करने वाली पत्रकार सबरीना सिद्दीकी की ट्रोलिंग 

01:13:46 - 01:36:03 - रूस में वागनर समूह का विद्रोह और समझौता 

01:36:03 - जरूरी सूचना व सलाह और सुझाव


पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए

हृदयेश जोशी

नेटफ्लिक्स पर डॉक्यूमेंट्री सीरीज़- आवर प्लेनेट (सीजन 2) 


प्रकाश के रे 

फिल्म- अफवाह 

वेब सीरीज- लस्ट स्टोरीज पार्ट 2 


आनंद वर्धन

क़िताब-द आर्ट ऑफ़ डूइंग नथिंग: सिंपल वेज़ टू मेक टाइम फॉर योअरसेल्फ

द मिंट पे मनु जोसेफ का लेख- देअर इज़ ए फ्यूच़र फॉर बोरडम इन द एज़ ऑफ इमर्सिव फन  


अतुल चौरसिया

पियूष बबेले की किताब:  गांधी: सियासत और साम्प्रदायिकता 


ट्रांस्क्राइबः तस्नीम फातिमा 

प्रोड्यूसरः आशीष आनंद 

एडिटर: समरेंद्र 

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  • एनएल चर्चा 369: जातिगत जनगणना और वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे पर मीडिया की आज़ादी के सवाल

    01:49:04|
    इस हफ्ते केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराए जाने के ऐलान, प्रेस फ्रीडम डे के बहाने मीडिया की आजादी और और पहलगाम हमले पर सुरक्षा में चूक को लेकर सवाल पूछने वालों पर एफआईआर दर्ज करने को लेकर विस्तार से बात हुई.  इसके अलावा पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव, पीएम मोदी की तीनों सेनाओं के अध्यक्षों के साथ बैठक, एक सर्वे के अनुसार 80 फीसदी लोगों का मानना कि भारत में अभी भी मीडिया आज़ाद, पहलगाम हमले के बाद देशभर में कई जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दो लोगों की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए डिजिटल एक्सेस को नागरिकों का अधिकार बताए जाने की ख़बरें भी हफ्ते भर सुर्ख़ियों में रहींइस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा और गीता सेशु शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और स्तंभकार आनंदवर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.विश्व प्रेस फ्रीडम डे से चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में पत्रकारों के लिए स्थितियां कुछ खास मुफीद नहीं हैं और कुछ देशों में तो बहुत ज़्यादा ख़राब हैं. भारत में भी हालात कुछ खास ठीक नहीं हैं.” इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए गीता कहती हैं, “बहुत ही कम पत्रकारों को उनकी हत्या या मारपीट के मामले में न्याय मिलता है. 2010 से अब तक केवल 3 मामलों में पत्रकारों को न्याय मिला है. जो स्वतंत्र पत्रकार हैं, उन्हें ज़्यादा निशाना बनाया जाता है. ”सुनिए पूरी चर्चा-नोट: अपने पत्र भेजने के लिए यहां क्लिक करें.टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना03:05 - सुर्खियां17:50 - प्रेस की आज़ादी और एफआईआर 1:1:50- सब्सक्राइबर्स के पत्र1:11:33 - जातिगत जनगणना 01:41:50 - सलाह और सुझावचर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद , तीसता रॉय चौधरी संपादन: आशीष आनंद  .
  • एनएल चर्चा 368: पहलगाम में आतंकवाद पर भारत की प्रतिक्रिया और निशिकांत दुबे पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

    01:56:38|
    इस हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर विस्तार से बातचीत हुई.इसके अलावा जम्मू में भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं का दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता राकेश शर्मा पर हमला किया, निशिकांत दुबे की सीजेआई संजीव खन्ना पर की गई टिप्पणी को लेकर कार्रवाई की मांग की, दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को लगाई फटकार, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में साइन बोर्ड्स पर उर्दू के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली याचिका की ख़ारिज और पोप फ्रांसिस की मृत्यु आदि ख़बरें भी हफ्ते भर सुर्ख़ियों में रहींइस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, और द हिन्दू अख़बार की डिप्टी एडिटर विजैता सिंह शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और स्तंभकार आनंदवर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “चिंताजनक बात यह है कि पहचान करके हिन्दुओं को मारा गया है और इसका दूसरा पहलू यह है कि यह सुरक्षा में हुई बड़ी चूक है, जिस पर बात नहीं हो रही.”विजैता कहती हैं, “अभी कूटनीतिक स्तर पर भारत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन पुलवामा के समय हुई बालाकोट स्ट्राइक जैसा कोई कदम अभी नहीं उठाया गया है, और आगे उठाया जाएगा या नहीं ये अभी कहा नहीं जा सकता.”सुनिए पूरी चर्चा-नोट: अपने पत्र भेजने के लिए यहां क्लिक करें.टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना03:05 - सुर्खियां15:50 - पहलगाम पर भारत की प्रतिक्रिया1:9:39- सब्सक्राइबर्स के पत्र1:19:45 - निशिकांत दुबे का बयान01:38:50 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय-क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए शार्दूल कात्यायनसीरीज़ -द डे ऑफ़ द जैकल फिल्म - स्पॉटलाइटविजेता सिंहपॉल लिंच की किताब - प्रॉफेट सांगहृदयेश जोशीअजय साहनी का लेखश्याम सरन का लेखआनंदवर्धनकिताब - द अनडाईंग लाइटअतुल चौरसियाडॉक्यूमेंट्री - कैंपस पे क्रैकडाउनचर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.ऑरकाओं में मैनोपॉज पर शोधट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: तीस्ता रॉय चौधरी संपादन: हसन बिलाल
  • एनएल चर्चा 367: वक्फ क़ानून पर मुर्शिदाबाद में हिंसा और राज्यसभा के ‘डिप्टी’ धनखड़ का ‘ज्ञान’

    01:41:02|
    इस हफ्ते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में फाइल की गई चार्जशीट, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों को लेकर टिप्पणी करने और पश्चिम बंगाल में वक़्फ़ बिल के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को लेकर विस्तार से बातचीत हुईइसके अलावा भारत के भगौड़े मेहुल चौकसी की बेल्जियम में गिरफ़्तारी, महाराष्ट्र की लाडकी बहन योजना में 8 लाख महिलाओं को मिलने वाली सम्मान राशि में कटौती, अमेरिका द्वारा चीन से आयातित सामानों पर 245 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा और  ब्लूस्मार्ट इलेक्ट्रिक कैब सर्विस द्वारा अपनी सेवाएं सस्पेंड करना आदि ख़बरें भी सुर्खियों का हिस्सा बनी. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार अदिति फड़नीस, एसोसिएट प्रोफ़ेसर संबित पाल और वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा शामिल हुई. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने कियाअख़बार नेशनल हेराल्ड मामले से चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “नेशनल हेराल्ड की पेरेंट कंपनी का जो ट्रांसफर हुआ है, उसकी प्रक्रिया काफी अस्पष्ट है. यह पूरा मामला क्या है और किस तरह से आगे जाता दिख रहा है?” इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए अदिति कहती हैं, “इसमें शक नहीं है कि बीजेपी किसी न किसी तरीके से गांधी परिवार को फंसाना चाहती है, ऐसे कई व्यापार हैं, जो नॉट फॉर प्रॉफिट हैं लेकिन उससे पैसा कमाया जा रहा है. इसलिए इस पर बहस नहीं होनी चाहिए कि यह लेनदेन कानूनी रूप से सही था या गलत क्योंकि वो काम जल्द ही अदालत कर देगी.”सुनिए पूरी चर्चा-नोट: अपने पत्र भेजने के लिए यहां क्लिक करें.टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना04:05- सुर्खियां25:00 - नेशनल हेराल्ड मामला 45:21 - सब्सक्राइबर्स के पत्र51:10- मुर्शिदाबाद हिंसा 1:20:40 - जगदीप धनखड़ का बयान 01:34:50 - सलाह और सुझावट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंदसंपादन: आशीष आनंद
  • एनएल चर्चा 366: राज्यपाल के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के विचार और राज ठाकरे की ‘हेट पॉलिटिक्स’

    01:32:56|
    इस हफ्ते महाराष्ट्र में राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा मराठी बनाम  गैर मराठी विवाद को तूल देने और तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि द्वारा प्रदेश की विधानसभा द्वारा पारित 10 विधेयकों को रोकने को सुप्रीम कोर्ट द्वारा मनमानी और अवैध करार दिए जाने के आलोक में केंद्र बनाम राज्यों के संघर्ष को लेकर विस्तार से बातचीत हुई.इसके अलावा 2008 के मुंबई हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को दिल्ली लाया जाना, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर नए टैरिफ लगाना, यूरोपीय संघ द्वारा अमेरिका के खिलाफ टैरिफ लगान, वक्फ संशोधन बिल के विरोध में भड़की हिंसा में 22 प्रदर्शनकारी गिरफ्तारी, 2024-2025 में चरम पर रहा वायु प्रदूषण, वाराणसी में 19 वर्षीय पीड़िता से सात दिन तक 23 लोगों ने किया बलात्कार और शौचालय ब्रेक की मांग खारिज होने पर लोको पायलटों के संगठन द्वारा रेलवे बोर्ड के फैसले की आलोचना आदि ख़बरें भी सुर्खियों का हिस्सा बनी. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान द न्यूज मिनट की पूजा प्रसन्ना, अंग्रेजी दैनिक द हिन्दू की महाराष्ट्र ब्यूरो चीफ विनया शामिल हुई. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और हृदयेश जोशी ने हिस्सा लिया.  चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा बिलों को रोके जाने को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त शब्दों में अवैध करार दिए जाने पर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “हमेशा हम देखते हैं कि विपक्षी दलों की सरकारों पर केंद्र सरकार राज्यपालों के जरिए अड़ंगा लगाने की कोशिश करती रही है.” इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए पूजा कहती हैं, “5- 6 महीने तक बिल को लटकाए रखना असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट ने भी यही बोला है, आप इतिहास देखेंगे तो आपको यही दिखेगा.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना03:21- सुर्खियां13:05 - सीआरईए की वायु प्रदूषण पर रिपोर्ट17:17- तमिलनाडू के राज्यपाल की मनमानी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला35:54 - मराठी बनाम गैर मराठी की राजनीति 1:17:16- मुंबई हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण01.26.50 - सलाह और सुझावट्रांसक्रिप्शन: विकास जांगड़ाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद, तीस्ता रॉय चौधरी संपादन: आशीष आनंद 
  • एनएल चर्चा 365: वक्फ की सियासत और ट्रंप की टैरिफ पॉलिटिक्स

    01:39:14|
    इस हफ्ते वक़्फ़ क़ानून में संशोधन का बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव को लेकर विस्तार से बातचीत हुई.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित करवाने, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दुनियाभर के देशों पर रियायती रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा करने, दिल्ली सरकार के कानून मंत्री कपिल मिश्रा पर दिल्ली में दंगे भड़काने के मामले में अदालत द्वारा एफआईआर दर्ज करने के आदेश देने, कोलकाता हाईकोर्ट के टीचरों की नियुक्ति रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरक़रार रखने, जम्मू कश्मीर के पूंछ ज़िले में एक माइन फटने के बाद लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर पाकिस्तानी आर्मी द्वारा युद्धविराम तोड़े जाने और तेलंगाना सरकार द्वारा हैदराबाद यूनिवर्सिटी के नज़दीक कांचा बाली वन क्षेत्र में 400 एकड़ ज़मीन पर लगे पेड़ों को गिराने के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन कऱने आदि ख़बरें हफ्तेभर के दौरान सुर्खियों मेंइस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार माधवन नारायणन, इंडियन सिविल सर्वेंट ज़फर महमूद शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने कियावक़्फ़ संशोधन बिल के मामले पर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “वक़्फ़, हिंदुस्तान की तीसरी ऐसी बॉडी जिसके पास सबसे ज़्यादा ज़मीने हैं और अब उसमें नए प्रावधान के बाद कुछ ऐसी चीज़ें हो सकती हैं जिससे मुसलमानों के सामने दिक़्क़त खड़ी की जाएगी, ऐसी भाजपा की नीयत है. इसमें कितनी सच्चाई है और इसमें क्या-क्या चिंताइस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए ज़फर कहते हैं, “पहली बार यह कांसेप्ट आया है कि मुसलमानों की प्रॉपर्टीज़ मैनेज करने के लिए गैर मुसलमान ज़रूरी हैं. यह अजीब सा कांसेप्ट है और अगर सरकार चाहे तो 50% से ज़्यादा ग़ैर मुसलमान हो सकते है.सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना04:00 - सुर्खियां17:36 - वक़्फ़ संशोधन बिल विवाद  01:00:40 - अमेरिका ने घोषित की नई टैरिफ दरें 01:29:08 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 01:33:00 - सलाह और सुझावट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंदसंपादन: आशीष आनंद 
  • एनएल चर्चा 364: जस्टिस यशवंत वर्मा के घर लगी आग और कुणाल कामरा के व्यंग्य पर आहत शिवसैनिक

    01:43:23|
    इस हफ्ते दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर में लगी आग में नोटों की गड्डियां जलने और इसके बाद उनके इलाहबाद हाईकोर्ट में तबादले को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा इस मामले के बहाने एक बार फिर से कॉलेजियम बनाम न्यायिक नियुक्ति आयोग की बहस पर भी बातचीत हुई. म्यांमार में 7.7 मैग्नीट्यूड के भूकंप से तबाही, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा सदन की कार्यवाही का अचानक स्थगन, स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के पैरोडी गीत के बाद भड़की शिवसेना द्वारा तोड़फोड़, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नाबालिग से बलात्कार मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी पर स्वतः संज्ञान लेना, उत्तर प्रदेश में बिना कानूनी प्रक्रिया के घरों पर बुलडोज़र चलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नाराज़गी जताना और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर सीबीआई का छापा आदि ख़बरें भी हफ्तेभर के दौरान सुर्खियों में रही.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता करुणा नंदी शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रबंध संपादक मनीषा पांडे और स्तंभकार आनंद वर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.यशवंत शर्मा मामले पर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले पर जांच कमेटी बनाई है, उनका तबदला कर दिया गया है, जिसे लेकर कुछ लोग विरोध भी कर रहे हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका को भी ख़ारिज किया है, ऐसे में इस मसले की पूरी तस्वीर क्या है?”इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए करुणा कहती हैं, “जब यह बात सुप्रीम कोर्ट में पता चली तो वकीलों को बहुत हैरानी हुई. एक वजह तो यह थी कि यशवंत वर्मा जी एक बेहद अच्छे जज हैं और कोई भी व्यक्ति जिसकी लीगल ट्रेनिंग है, वह इतना कैश घर पर नहीं रखता.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना05:00 - सुर्खियां21:20 - जस्टिस यशवंत वर्मा विवाद  01:00:08 - कुणाल कामरा के शो के बाद विवाद  01:27:00 - सलाह और सुझावट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद, तीस्ता रॉय चौधरी संपादन: आशीष आनंद
  • एनएल चर्चा 363: औरंगज़ेब पर विवाद के बाद नागपुर में हिंसा और सवालों के घेरे में ईडी

    01:20:39|
    इस हफ्ते फिल्म छावा से उठे विवाद के बाद औरंगज़ेब की कब्र हटाने की मांग और नागपुर में भड़की हिंसा, वित्त मंत्रालय द्वारा संसद में बताया गया कि पिछले 10 वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राजनेताओं के खिलाफ 193 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से केवल दो में ही दोषसिद्धि हुई और नाबालिग के साथ बलात्कार के प्रयास के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के विवादित बयान को लेकर भी विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में तत्काल और पूर्णरूप से युद्धविराम करने की मांग को किया ख़ारिज, इजराइली सेना द्वारा ग़ाज़ा पट्टी में हुए हमले में 400 से ज़्यादा मौतें, मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले में दो समुदायों के बीच झड़प, लोकसभा में महाकुंभ में मारे गए लोगों का कोई आंकड़ा केंद्र के पास नहीं, दिल्ली हाई कोर्ट के एक जज यशवंत वर्मा को लेकर हुए विवाद के बाद उनका इलाहाबाद हाई कोर्ट तबादला, चुनाव आयोग ने बूथवार डाटा जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दी अंडरटेकिंग और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में अटके दो यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर वापस सुरक्षित लौटे आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में रही. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार अफरीदा रहमान अली और स्मिता शर्मा शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रधान संपादक रमन किरपाल और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब पर चल रहे विवाद के बाद भड़की हिंसा को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए शार्दूल कहते हैं, “1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद भी नागपुर में दंगे नहीं भड़के थे और दशकों से जारी शहर की शांति इन दंगों के साथ भंग हो गई, यह आश्चर्य की बात है कि जो बात मराठा साम्राज्य में नहीं उठी, आज़ादी के बाद नहीं उठी वह आज की सरकार में प्रदर्शन और दंगों का विषय बन गई. यह लड़ाई वास्तव में राजनीतिक वर्चस्व की है.”इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए अफरीदा कहती हैं, “इसकी शुरुआत यहां से हुई कि बजरंग दल और विहिप प्रदर्शन कर रहे थे कि औरंगज़ेब के मकबरे को हटाया जाए, किसके खिलाफ यह प्रदर्शन कर रहे हैं, कौन हटाए? डबल इंजन की सरकार है, बेझिझक हटाइए, हटा सकते हैं तो जड़ से हटा दीजिए मगर इसे नहीं हटाया जाएगा, इसे पकाया जाएगा.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना03:30 - सुर्खियां12:20 - इलाहाबाद हाई कोर्ट की विवादित टिप्पणी 26:30 - नागपुर में दंगा 59:30 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 01:01:28 - सवालों के घेरे में ईडी     01:15:08 - सलाह और सुझावट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद , तीसता रॉय चौधरी एडिटिंग: आशीष आनंद
  • एनएल चर्चा 362: औरंगजेब पर बवाल और नफरती सियासत के बीच होली का त्योहार

    01:40:17|
    इस हफ्ते फिल्म छावा से उठे औंरंगज़ेब को लेकर विवाद और संभल के सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी द्वारा होली और जुमा एक दिन पड़ने पर विवादित टिप्पणी किए जाने को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस द्वारा औरंगज़ेब के मक़बरे को शंभाजी नगर से हटाए जाने की मांग के समर्थन करने, जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में फैशन शो के बाद राजनीतिक तनाव पैदा होने, यूपी के सीएम द्वारा संभल के सीओ अनुज चौधरी की विवादित टिप्पणी का समर्थन करने, म्यांमार में बंदी बनाए गए 283 भारतीयों को छुड़ाने और वैश्विक वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 में दिल्ली के दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी में शुमार होने आदि की ख़बरें भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में रही.  इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी और इतिहास की स्कॉलर रुचिका शर्मा शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और स्तंभकार आनंद वर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब पर चल रहे विवाद को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “औंरगजेब के कामकाज, राजनीति, जो वह समय था, जिस तरह का व्यक्तित्व था औंरंगज़ेब का, आज के समय में उसे कैसे देखा जाना चाहिए?इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए रुचिका कहती हैं, “आज हम चीज़ों को धर्म में बांट देते हैं, इसलिए हम समझ नहीं पाते लेकिन यह असल में राजपूत वर्सेज़ मराठा फाइट थी, जो दो अलग-अलग साम्राज्यों के लिए लड़ी जा रही थी. मराठा बिल्कुल अलग थे और मुस्लिम हुकूमत बिलकुल अलग थी, यह सोचना ग़लत है. वहीं औरंगज़ेब की बात करें तो उसकी यह छवि अंग्रेज़ों ने बनाई सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना04:00 - सुर्खियां13:20 - औरंगज़ेब को लेकर विवाद01:03:00 - होली पर संभल के सीओ का विवादित बयान   01:30:42 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएशार्दूल कात्यायन पुणे शहर पर प्रतीक गोयल की रिपोर्ट फिल्म - ब्लैक फ्राइडे आनंद वर्धन मिंट पर मनु जोसेफ के लेख 1. हाउ एंटरटेनमेंट गॉट बोरिंग इन द एज ऑफ़ स्ट्रीमिं 2. अमेरिका एंड द बेयरेबल लोनलिनेस ऑफ़ लूज़िंग द वेस्ट3. अवर पॉलिटिक्स इस यूज़अली शेप्ड बाई द पीपल वी डिसलाइ स्क्रॉल पर गिरीश शहाणे का लेख डॉ रुचिका शर्मा नेटफ्लिक्स सीरीज़ -कंक ऑन अर्थअतुल चौरसिया भारत एक खोज टीवी सीरीज़ किताब - द मैन एंड द मिथ ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: तीस्ता रॉय चौधरी एडिटिंग: हसन बिलाल
  • एनएल चर्चा 361: आकाश आनंद का बसपा से निष्कासन और डोनाल्ड ट्रंप की ‘लट्ठमार’ राजनीति

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    इस हफ्ते अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच हुई बहस और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती द्वारा भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित किए जाने को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर अमेरिका की यात्रा पर, इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार देहरादून प्रशासन ने ग्यारह मदरसों को सील किया, मुंबई हाईकोर्ट द्वारा माधवी पुरी बुच पर एफआईआर दर्ज करने के एसीबी अदालत के आदेश पर रोक, महाराष्ट्र के उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजानिक वितरण मंत्री धनंजय मुंडे ने बीड ज़िले में एक सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में उनके क़रीबी का नाम आने के बाद दिया इस्तीफ़ा और मुरादाबाद में एक नाबालिग़ बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में रहीइस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश के रे और राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.मायावती द्वारा अपने भतीजे अकाश आनंद को पार्टी से निकाले जाने को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “क्या हो रहा है आकाश आनंद के साथ? आकाश के बारे में यह कहा जाता है कि मायावती बहुत कम लोगों को पसंद करती हैं और उन लोगों में जिसे सबसे ज़्यादा पसंद करती हैं वह आकाश आनंद हैं. तो क्या यह फैसला दोबारा पलटने की संभावना है?”इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए अमिताभ कहते हैं, “बसपा एक ऐसी पार्टी है, इसमें पारिवारिक उत्तराधिकारी का प्लान नहीं चलता है, कांशीराम ने अपने बाद किसी परिवार के सदस्य को चुनने के बजाए मायावती को चुना, वर्तमान में मायावती कह रही हैं कि वे अपना उत्तराधिकारी अभी घोषित नहीं करेंगी लेकिन कहीं न कहीं वे परिवार के ही सदस्यों को नेशनल को-ऑर्डिनेटर बना रही हैं.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना04:12 - सुर्खियां13:20 - बसपा के आंतरिक विवाद 57:01 - अमेरिका के साथ ट्रेड  01:32:42 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएप्रकाश के रे नेटफ्लिक्स सीरीज़ -ज़ीरो डेअमिताभ तिवारी नेटफ्लिक्स सीरीज़ -ज़ीरो डे नेटफ्लिक्स सीरीज़ - डब्बा कार्टलविकास जांगड़ा यूट्यूब वीडियो - ग्लोबल कैपिटलिज़्म: व्हाट ट्रंप 2.0 मीन्स नेटफ्लिक्स सीरीज़ -सर्वेंट ऑफ़ द पीपल बामसेफ क्या है ?शार्दूल कात्यायन  - नाटो एक्सपेंशन- व्हाट गोरबाचेव हर्डगेम - मॉन्स्टर हंटर वाइल्ड्स आज़ादी के बाद नेहरू का पहला इंटरव्यू अतुल चौरसिया किताब - द सीज़ ऑफ़ दिल्लीताब - विद एचएम 9th लैंसर्स ड्यूरिंग द इंडियन म्युटिनीट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंदएडिटिंग: बिलाल हसन