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एनएल चर्चा 274: ‘मानवता’ पर पेशाब करता प्रवेश शुक्ला और एनसीपी में छिड़ी सियासी जंग
इस हफ्ते चर्चा में बातचीत के मुख्य विषय समान नागरिक संहिता पर विवाद, महाराष्ट्र की राजनीति में मची हलचल, 3 जुलाई को मानव इतिहास के सबसे गर्म दिन के रूप में दर्ज किया जाना, मध्यप्रदेश में बीजेपी कार्यकर्ता प्रवेश शुक्ला का आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने का वीडियो वायरल होना, शिवपुरी जिले में दो दलित युवकों की पिटाई, सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से हटाए जाने के मुद्दे को लेकर सुनवाई के लिए पांच जजों की बेंच का गठन करना, मध्यप्रदेश में एक महिला को कार के बोनट पर जबरन बैठाकर घुमाने के आरोप में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाना, तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी के मामले की सुनवाई के लिए बड़ी बेंच का गठन करने का आदेश, बीजेपी द्वारा तेलंगाना, झारखण्ड, पंजाब और अरुणाचल प्रदेश में अपने अध्यक्षों का बदलना, 20 जुलाई से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत, कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त की सुरक्षा बढ़ाने पर विचार, सुप्रीम कोर्ट द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर रोक की अवधि को बढ़ाना, गुजरात हाईकोर्ट द्वारा मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा को बरकरार रखना आदि रहे.
चर्चा में इस हफ्ते बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार मीना कोटवाल, न्यूज़लॉन्ड्री के वरिष्ठ संवाददाता प्रतीक गोयल, न्यूज़लॉन्ड्री के पॉडकास्ट प्रमुख शार्दूल कात्यायन और अवधेश कुमार शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.मध्यप्रदेश में मानवता को शर्मसार करने वाले घटनाक्रम से चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “प्रवेश शुक्ला के बारे में लोगों को क्या जानना चाहिए? उसके क्या कारनामे रहे हैं और इस मामले में पुलिस की क्या भूमिका रही?
इसके जवाब में प्रतीक गोयल कहते हैं, “प्रवेश शुक्ला, बीजेपी के विधायक का प्रतिनिधि है. उसका किरदार एक उद्दंड व्यक्ति का रहा है. प्रवेश शुक्ला द्वारा शराब पीकर मारपीट करना, लोगों की जमीनों पर कब्जा करना और उन्हें धमकाना आदि आमतौर पर किया जाता है. हालांकि, आदिवासी युवक पर पेशाब करने का यह मामला एक साल पहले का है, जब पीड़ित एक दुकान पर रिचार्ज कराने आया था. इसी दौरान प्रवेश शुक्ला आया तो उसने पीड़ित पर पेशाब करना शुरू कर दिया.प्रतीक आगे कहते हैं, “मध्यप्रदेश के उस इलाके में निम्न वर्ग का इतना शोषण होता है कि उनमें खौफ घर कर गया है. यही वजह है कि पीड़ित प्रवेश शुक्ला का विरोध भी नहीं कर सका. वहीं, जब यह शुक्ला के कारनामे का वीडियो वायरल हुआ तो उसके परिवार ने प्रवेश की गुमशुदगी की झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी. हालांकि, यह मामला सिर्फ किसी पर पेशाब करने या अत्याचार करने का नहीं है, इसके बहुत गहरे मायने हैं, जिनपर विचार होने चाहिएं.”इस मुद्दे पर और विस्तार से जानने के लिए सुनिए पूरी चर्चा. इस विषय के अलावा महाराष्ट्र में हो रही राजनीतिक उठापठक पर भी विस्तार से बातचीत हुई.
टाइम कोड्स:
00:00:00 - 00:10:00 - जरूरी सूचना व हैडलाइंस
00:10:05 - 00:55:19 - मध्यप्रदेश में दलित आदिवासी पर पेशाब करने की घटना
00:55:19 - 01:24:56 - महाराष्ट्र की राजनीति में मची हलचल
01:24:56 - 01:45:26 - सब्सक्राइबर्स के मेल
01:45:26 - जरूरी सूचना व सलाह और सुझाव
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एनएल चर्चा 352: केनेडी की रिलीज पर रुकावट, बढ़ती मजहबी नफरत और भोपाल में जहरीले कचरे का निपटान
01:51:07|इस हफ्ते फिल्मकार अनुराग कश्यप द्वारा अपनी फिल्म केनेडी के भारत में रिलीज़ न होने को लेकर दिए बयान, भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड के पुराने संयत्र से लगभग 337 टन ज़हरीले कचरे के निपटारे संबंधी आदेशों और मॉब लिचिंग एवं नफरती राजनैतिक भाषणों पर चर्चा हुई. इसके अलावा इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत सरकार द्वारा सुशासन सूचकांक 2023 को नहीं जारी करने का फैसल आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक चर्चा का विषय रहीं. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार अजय ब्रह्मात्ज और हृदयेश जोशी ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “सेंसर बोर्ड जिसका काम सर्टिफिकेट देना है, अब वह सेंसरशिप करने लगा है. अनुराग कश्यप के साथ जो हो रहा है, क्या यह इसी का विस्तार है या यह मुद्दा कुछ और है?”इस मुद्दे पर अजय कहते हैं, “केनेडी, अनुराग की एक अच्छी फिल्म है. लेकिन इस फिल्म के कॉपीराइट्स जिसने खरीद लिए हैं, उसे लग रहा है कि यह फिल्म बाजार में जाने लायक नहीं है. चूंकि दर्शक मिलने का पैमाना आजकल पुष्पा-2 जैसी फिल्मों ने तय किया है. इससे स्वतंत्र सिनेमा को नुकसान हुआ है.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और 5:30 - सुर्खियां17:10 - अनुराग कश्यप की फिल्म केनेडी पर चर्चा50:30 - सब्सक्राइबर्स के पत्र01:10:33- भोपाल गैस त्रासदी के ज़हरीले कचरे का निपटान01:39:40- सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएअजय ब्रह्मात्ज फिल्म - फूल का छंद यूनुस खान की किताब - उम्मीदों के गीतकार शैलेन्द्र हृदयेश जोशी मनीषा पांडे द्वारा न्यूज़लॉन्ड्री परराजदीप सरदेसाई का इंटरव्यू संदीप भूषण की किताब - द इंडियन न्यूज़रूम शार्दूल कात्यायन फिल्म - नोस्फेरातू द अटलांटिक पर अपूर्वा मंडावेली का लेख ऑस्कर वाइल्ड की किताब - ओनली डल पीपल आर ब्रिलियंट एट ब्रेकफास्ट जामिया नगर की एक दुकान मगधी बड्स विकास जांगड़ा फिल्म - गर्ल्स विल बी गर्ल्स अतुल चौरसिया टीवी सीरीज़ -चर्नोबिल ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: आशीष आनंदएनएल चर्चा 351: बस यादों में रह गए मनमोहन सिंह और साल 2024
01:48:21|न्यूज़लॉन्ड्री हिंदी के साप्ताहिक पॉडकास्ट एनएल चर्चा का ये साल का आखिरी एपिसोड है. इसे और खास बनाने के लिए इस बार हमारे प्रिय श्रोता भी जुड़े. चर्चा में शामिल मेहमानों ने मुद्दों पर तो बात की ही साथ ही श्रोताओं के सवालों और पत्रों का भी जवाब दिया. इस हफ्ते चर्चा में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन और सालभर की महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाओं पर बातचीत हुई. इसके अलावा पाकिस्तान का अफ़ग़ानिस्तान पर हवाई हमला, लॉटरी किंग मार्टिन की ईडी द्वारा ज़ब्त डिवाइसेज़ का डाटा कॉपी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की रोक, खजुराहों में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा तीन नदियों को जोड़ने वाले प्रोजेक्ट का शिलान्यास, मनु भाकर का नाम राष्ट्रीय पुरस्कारों की सूची में शामिल नहीं होने, दिल्ली पुलिस का दावा- अवैध रूप से दिल्ली में रहने वाले बांग्लादेशियों की हुई पहचान और दिल्ली सरकार द्वारा स्कूलों में पढ़ने वाले अवैध बांग्लादेशियों के बच्चों की पहचान कर सूची तैयारी करने के निर्देश जैसी ख़बरें भी चर्चा का विषय रहींइस बार चर्चा में आपके प्रिय और शो के नियमित होस्ट अतुल चौरसिया के अलावा बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा और हृदयेश जोशी शामिल हुए. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से शार्दूल कात्यायन ने भाग लिया. चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “मनमोहन सिंह को याद करने की बहुत सारी वजहें हैं. हिन्दुस्तान की राजनीति और समाज का महत्वपूर्ण एक पड़ाव 90 का दशक है. एक तरफ मंडल था, मंदिर था और दूसरी तरफ मार्किट. मार्केिट के अगुआ मनमोहन सिंह थे. दूसरा दौर, जब वे दस साल तक प्रधानमंत्री के रूप में काबिज रहे. जिसमें अलग- अलग लोग उन्हें अलग-अलग तरह से देख रहे हैं.”मनमोहन सिंह को लेकर हृदयेश जोशी कहते हैं, “भारत का जो आर्थिक परिदृश्य है उसमें उनकी छाप थी. 1991 आते-आते वे एक बहुत ही पके हुए प्रशासक बन चुके थे. भले उन्हें एक एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर कहा जाने लग लेकिन उन्हें बेहद क़रीब से कवर करने पर मैं कह सकता हूं कि वे एक मंझे हुए राजनेता भी थे.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और सुर्खियां16:40 - प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का सफर 1:08:00 - साल 2024 में हुए राजनीतिक बदलाव 01:22:04- सलाह और सुझावपत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएहृदयेश जोशी फिल्म - इनसाइड जॉब मनमोहन सिंह की बायोग्राफी - स्ट्रिक्टली पर्सनल स्मिता शर्मा श्याम बेनेगल पर लेख फिल्म - ब्रेड एंड रोज़ेज़ शार्दूल कात्यायन फिल्म- सूरज का सातवां घोडामानव कौल की किताब - प्रेम कबूतर फिल्म - द ग्रे अतुल चौरसिया श्याम बेनेगल की सीरीज - भारत एक खोज श्याम बेनेगल की सीरीज- संविधानट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: आशीष आनंदछोटी चर्चा Charcha 350
14:00|इस हफ्ते संसद में हुए बवाल संसद परिसर में हुई सांसदों के बीच कथित धक्का-मुक्की के अलावा भारतीय संविधान की 75 वर्षों की यात्रा पर चर्चा समेत डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर अमित शाह के दिए बयान के बाद उठे बवाल पर विस्तार से बात हुई.इसके अलावा संसद में एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक प्रस्तुत करने के दौरान व्हिप जारी होने का बावजूद अनुपस्थित रहे बीजेपी के 20 सांसद, उमर खालिद को एक शादी में शामिल होने के लिए सात दिन की ज़मानत, यूपी सरकार की मीडिया संस्थानों को कुंभ को लेकर 70 विषयों पर सकारात्मक कवरेज करने की अपील, और फिर से खराब श्रेणी में पहुंची दिल्ली-एनसीआर की हवा आदि ख़बरें चर्चा का विषय बनी रहीं. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार रूही तिवारी और हृदयेश जोशी ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रधान संपादक रमन किरपाल और स्तंभकार आनंद वर्धन शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.सुनिएछोटी चर्चा Charcha 349
14:45|इस हफ्ते सीरिया में विद्रोह के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद के देश छोड़कर भागने के बाद उपजे हालातों, इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के विवादित भाषण, इंडिया ब्लॉक की पार्टियों के बीच नेतृत्व को लेकर उठी चर्चा और बेंगलुरू के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के खुदकुशी करने के बाद दहेज क़ानून के दुरुपयोग को लेकर उठे सवालों पर विस्तार से बात हुई.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह-संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.सुनिएछोटी चर्चा Charcha 348
16:02|इस हफ्ते स्वर्ण मंदिर के बाहर पंजाब के शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले और कॉप29 संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन 2024 को लेकर विस्तार से बात हुई.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान आईजीएसटी की डायरेक्टर ज़रीन ओशो, वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी और शिव इन्दर सिंह ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह-संपादक शार्दूल कात्यायन और स्तंभकार आनंद वर्धन चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.सुनिए...छोटी चर्चा Charcha 347
15:44|इस हफ्ते संभल में हुई हिंसा और शाही जामा मस्जिद विवाद को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा नतीजों और संविधान की प्रस्तावना में शामिल समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी बात हुई. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान सुप्रीम कोर्ट के वकील संतोष पॉल और वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह-संपादक शार्दूल कात्यायन और अवधेश कुमार चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.छोटी चर्चा Charcha 346
15:42|इस हफ्ते गौतम अडाणी के खिलाफ अमेरिकी अदालत में चलाए गए अभियोग और उत्तर प्रदेश उपचुनाव विवाद को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार रवि नायर और हृदयेश जोशी ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और आनंदवर्धन चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.छोटी चर्चा Episode 345
14:14|इस हफ्ते महाराष्ट्र में चल रहे चुनावों के बीच एनसीपी के नेता अजित पवार के बयान के बाद उठे विवाद को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. अजित पवार ने दावा किया कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जो बैठक हुई उसमें गौतम अडाणी मौजूद थे. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर के जरिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों को लेकर भी बातचीत हुई.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर और सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय हेगड़े ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.छोटी चर्चा Episode 344
18:03|इस हफ्ते अमेरिकी चुनाव के नतीजों और डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी के निहितार्थों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा नागरिकों की निजी संपत्ति को लेकर दिए गए फैसले और उत्तर प्रदेश सरकार की बुलडोज़र नीति पर कोर्ट के आदेश पर भी बात की गई.