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एनएल चर्चा 243: रवीश कुमार का इस्तीफा, गुजरात चुनाव और चीन में जारी विरोध
एनएल चर्चा के इस अंक में एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय और राधिका रॉय का आरआरपीआर कंपनी से इस्तीफा, रवीश कुमार ने दिया इस्तीफा, गैंगरेप दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची बिलकिस बानो, कर्नाटक हाईकोर्ट ने पीएफआई पर बैन के खिलाफ दायर हुई याचिका को किया खारिज, दिल्ली की कोर्ट ने न्यूज़लॉन्ड्री के खिलाफ दर्ज आयकर विभाग की शिकायत को किया खारिज, चीन में लॉकडाउन के विरोध में प्रदर्शन और गुजरात विधानसभा चुनावों में पहली चरण की वोटिंग और पिछली बार से कम रही वोटिंग समेत कई अन्य विषयों का जिक्र हुआ.
चर्चा में इस हफ्ते पत्रकार दैनिक भास्कर के न्यूज़ एडिटर रितेश शुक्ला, पत्रकार हृदयेश जोशी, न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया, स्तंभकार आनंद वर्धन शामिल हुए. संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सह-संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.
टाइम कोड
00:00:00 - 00:06:50 - इंट्रो, हेडलाइंस और जरूरी सूचना
00:06:50 - 00:32:20 - गुजरात चुनाव
00:32:20 - 01:06:14 - चीन में जारी विरोध प्रदर्शन
01:06:14 - 1:10:16 - एनडीटीवी से रवीश कुमार का इस्तीफा
1:19:17 - सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
शार्दूल कात्यायन
गुजरात मॉडल, जिसकी सीमा इन गांवों से पहले ही समाप्त हो जाती है
पत्रकारिता, फिल्मी सफर और अपनी गिरफ्तारी पर क्या कहते हैं अविनाश दास
आनंद वर्धन
डॉक्यूमेंट्री: सांसों में सिलिका
तियानानमेन चौक किताब - साकेत गोखले
हृदयेश जोशी
जोसेफ शुम्पीटर की किताब - पूंजीवाद, समाजवाद और लोकतंत्र
रितेश शुक्ला
केविन रुड की किताब - द अवॉइडेबल वॉर
अतुल चौरसिया
डॉक्यूमेंट्री: सांसों में सिलिका
अमूल दूध की कीमत कैसे गुजरात में एक-तिहाई वोटरों को भाजपा के पक्ष में लाती है?
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एनएल चर्चा 338: गाजा-इज़रायल संघर्ष का एक साल और प्रदूषण पर सरकार की नजरअंदाजगी
01:29:17|इस हफ्ते पश्चिम एशिया में जारी हिंसा और कई केंद्र शासित प्रदेशों की प्रदूषण कंट्रोल कमेटी में पिछले 10 सालों से खाली पदों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.इसके अलावा असम के कामरूप जिले में प्रशासन द्वारा 250 से अधिक मकान ध्वस्त, बीते 25 सितंबर को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण संपन्न, पश्चिम एशिया में जारी तनाव जिसमें करीब 558 लोगों की मौत और 1800 से ज्यादा लोग घायल और फिलिस्तीन के रमाला में इजरायली सैनिक की अल जजीरा ब्यूरो में घुसपैठ कर उसे बंद करने की धमकी देने जैसी खबरें प्रमुख रहीं.इसके अलावा उत्तर प्रदेश में खाने-पीने की जगहों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश, क्लाइमेट क्राइसिस एडवाइजरी ग्रुप द्वारा जारी एक रिपोर्ट में पर्यावरणीय बदलाव से निपटने के लिए भारत को बेहतर निगरानी और परीक्षण के तरीके अपनाने और संबंधित तंत्र में सुधार की जरूरत, बदलापुर घटना के आरोपी की पुलिस एनकाउंटर में मौत और श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन जैसी खबरों ने भी लोगों का ध्यान खींचा.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान विदेश मामलों के वरिष्ठ पत्रकार इफ़्तिख़ार गिलानी, स्वतंत्र पत्रकार स्मिता शर्मा, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से स्तंभकार आनंद वर्धन और वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी शामिल हुए. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए शार्दूल कहते हैं, “पश्चिम एशिया में पिछले एक सप्ताह से जारी हिंसा को रोकने के लिए शांति प्रस्ताव की पेशकश को इजरायल लगातार ठुकरा रहा है. इजराइल के इस रवैये के कारण आखिर यह संघर्ष किस दिशा में जाता दिखाई दे रहा है?”इस सवाल के जवाब में इफ़्तिख़ार कहते हैं, “अमेरिका, फ्रांस इत्यादि देशों ने 22 दिन के युद्ध विराम की अपील की थी लेकिन नेतन्याहू ने इस अपील को खारिज कर दिया. नेतन्याहू किसी भी हालत में अमेरिकी चुनाव से पहले जंग खत्म नहीं होने देना चाहते हैं, जिस दिन चुनाव खत्म होगा नेतन्याहू को अपना बोरिया बिस्तर समेटना होगा.”सुनिए पूरी चर्चा -टाइमकोड्स 00:36 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 04:30 - सुर्खियां20:37 - पश्चिम एशिया में जारी हिंसा 01:03:09 - केंद्र शासित प्रदेशों की पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी में खाली पद 59:37 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 01:18:01 - सलाह और सुझाव ट्रांसक्रिप्शन: संध्या वत्सप्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार/आशीष आनंदएडिटिंग: उमराव सिंहएनएल चर्चा 328: प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण, ट्रंप पर हमला और सीएम योगी की कुर्सी पर रार
01:39:37|इस हफ्ते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाने की चर्चाओं, कर्नाटक में प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमले और आईएएस पूजा खेडकर पर लगे कदाचार के आरोपों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.इसके अलावा हफ्ते की प्रमुख सुर्खियों में उत्तर प्रदेश चुनावी हार को लेकर बीजेपी का मंथन, बांग्लादेश में चल रहे छात्र आंदोलन में 15 लोगों की मौत, हरिद्वार से दिल्ली के कांवड़ यात्रा रूट में दुकानदारों को अपने नाम की तख्ती लगाने के आदेश और एयर इंडिया की 600 पदों की नौकरियों के लिए लगभग 50 हजार युवाओं की भीड़ जुटने की ख़बरें शामिल रहीं. इस हफ्ते की चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, सबा नकवी, द न्यूज़ मिनट की एडिटोरियल हेड पूजा प्रसन्ना, प्रभात खबर के दिल्ली ब्यूरो प्रमुख प्रकाश के रे शामिल हुए. वहीं चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “यूपी में नेतृत्व बदलने को लेकर तमाम तरह की कहानियां सामने आ रही हैं. इस सम्बन्ध में भ्रष्टाचार के मामले, लॉ एंड ऑर्डर की समस्या, आरक्षण में धांधली जैसी बातें आ रही हैं. बीजेपी के एक एमएलए ने पिछले 42-45 सालों में सबसे अधिक भ्रष्टाचार होने जैसे बयान दिए तो वहीं एक अन्य एमएलए फतेह बहादुर सिंह अपनी जान की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल आरक्षण के लाभों के दुरूपयोग पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखती हैं. चुनाव में भी बीजेपी की हार हुई है. क्या इन सब घटनाओं देखते हुए योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाया जा सकता जैसे कभी राम बाबू गुप्ता और कल्याण सिंह को हटाया गया था?”इस सवाल के जवाब में सबा कहती हैं, “ अगर आरएसएस योगी को हटाता है तो इससे सामाजिक न्याय का सन्देश जाएगा. साथ ही ये भी लगेगा कि वो हिंदुत्व के मुद्दे से हट गई है. क्या इस चीज़ को आरएसएस मंजूर कर पाएगा?”हार के कारणों पर बोलते हुए सबा कहती हैं, “ये चुनाव नरेन्द्र मोदी के नाम पर लड़ा गया था. समाजवादी पार्टी ने जहां जमीनी स्तर पर चुनाव लड़ा तो वहीं बीजेपी ने शो ऑफ किया. बेरोजगारी, भूख, महंगाई जैसे मुद्दों पर कोई कदम नहीं उठाए.” सुनिए पूरी चर्चा -टाइमकोड्स 00:00 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 03:47 - सुर्खियां 18:32 - डोनाल्ड ट्रंप पर हमला 35:00 - सीएम योगी आदित्यनाथ का पद संकट में? 01:09:35 - कर्नाटक में प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा 01:31:52 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएहृदयेश जोशी प्रियदर्शन का निबंध संग्रह - जो हिंदुस्तान हम बना रहे हैंपूजा प्रसन्नात्रिपुर दमन सिंह की किताब- द सिक्सटीन स्टोर्मी डेज़अरविंद नारायण की किताब- इण्डियाज अनडिकलेयर्ड इमरजेंसी द न्यूज़ मिनट का कार्यक्रम- लेट मी एक्सप्लेन (प्रति शुक्रवार)प्रकाश के रेफिल्म: महाराजा टोनी जूट की किताब- यूरोप का इतिहास 1945 से अतुल चौरसिया फिल्म- ओपनहाइमर ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार एडिटिंग: उमराव सिंह, सैफ अली इकरामएनएल चर्चा 327: दिल्ली यूनिवर्सिटी में मनुस्मृति और गुजारा भत्ते पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
01:30:32|इस हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले में सीआरपीसी की धारा 125 के तहत मुस्लिम महिला को अपने पति से गुज़ारे भत्ते के लिए मिले कानूनी अधिकार पर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा मुंबई के हिट एंड रन केस और दिल्ली यूनिवर्सिटी में मनुस्मृति लागू करने के प्रस्ताव पर भी बात हुई. हफ्ते की प्रमुख सुर्खियों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडी मामले में अरविन्द केजरीवाल को अंतरिम जमानत, जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकी हमले में कई जवानों की शहादत, लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पर डबलडेकर बस की टक्कर से 18 लोगों की मौत, यूपी के शामली में नए कानून के तहत पत्रकारों की गिरफ्तारी का पहला मामला, ब्रिटेन और फ्रांस में हुए आम चुनाव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा आदि शामिल रहीं.इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार स्मृति शर्मा, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता नबीला जमील और वरिष्ठ पत्रकार सुधीर सूर्यवंशी शामिल हुए. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से विकास जांगड़ा ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन अतुल चौरसिया ने कियाचर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “क्या सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं को गुज़ारे भत्ते के इस कानून को लाने में देरी कर दी या ये कोई गैरजरूरी हस्तक्षेप है, जैसी चीजें अब तक चल रही थी वैसी चलनी चाहिए थी?”इस सवाल के जवाब में नबीला कहती हैं, “सुप्रीम कोर्ट ने न देरी कि है,न कुछ नया किया है. रिपोर्टिंग में चीजें ऐसी दिखाई दे रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नया क्रिएट किया है. लेकिन ये चीजें पहले से रही हैं. उन्होंने साल 1920 के जस्टिस कृष्णा अय्यर के जजमेंट के विषय में बात करते हुए कहा कि इसी जजमेंट में यह कहा गया था कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत एक मुस्लिम महिला अपने पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है.”सुनिए पूरी चर्चा - टाइमकोड्स 00:00 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 00:04 - सुर्खियां 13:40 - गुजारा भत्ते के अधिकार पर बातचीत 41:34 - दिल्ली यूनिवर्सिटी में मनुस्मृति पढ़ाने का प्रस्ताव01:01:50 - हिट एंड रन मामला 01:17:25 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 01:24:25 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएनबीलाधारा 125 पर सुप्रीम कोर्ट का जजमेंटस्मिता शर्मास्मिता शर्मा का यू ट्यूब चैनलसुधीर सूर्यवंशी डी एन झा की किताब द मिथ ऑफ़ होली काउबी आर अम्बेडकर की किताब द अनटचेबल विकासनाटक धर्मक्षेत्र अतुल चौरसिया फिल्म - महाराज संतोष सिंह की किताब - द जननायक कर्पूरी ठाकुर: वॉइस ऑफ़ द वाइसलेस ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार एडिटिंग: उमराव सिंह, सैफ़ अली इकरामएनएल चर्चा 326: हाथरस की भगदड़, संसद सत्र का हंगामा और नए आपराधिक कानून
01:57:43|इस हफ्ते हाथरस में हुए हादसे, नए आपराधिक कानूनों और संसद के सत्र को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा इस हफ्ते की प्रमुख ख़बरों में बिहार में दस निर्माणाधीन पुलों का गिरना, संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच ज़बरदस्त बहस, एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया द्वारा संसद में पत्रकारों की आवाजाही फिर से बहाल करने की मांग, हेमंत सोरेन ने फिर से ली झारखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और उत्तर पूर्व भारत में भारी बारिश और भूस्खलन का प्रकोप आदि शामिल रहीं.वहीं, पश्चिम बंगाल उत्तर दिनाजपुर ज़िले में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्त्ता ताजीमुल इस्लाम द्वारा एक प्रेमी जोड़े की पिटाई, ब्रिटेन में लेबर पार्टी की अभूतपूर्व जीत और भारत की 20-20 वर्ल्ड कप में जीत आदि सुर्खियों ने भी लोगों का ध्यान खींचा. इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, एडवोकेट मानसी वर्मा और सुप्रीम कोर्ट के वकील अनस तनवीर शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से अनमोल प्रितम और शार्दूल कात्यायन ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “हाथरस का पूरा घटनाक्रम क्या था? बाबा कौन थे और उनकी उस इलाके में कैसी छवि है?”इन सवालों के जवाब में ग्राउंड पर मौजूद रिपोर्टर अनमोल बताते हैं, “हाथरस और आस-पास के जिलों में भोले बाबा बेहद लोकप्रिय हैं और उनके भक्त लाखों में हैं. हमें कुछ ऐसे लोग भी मिले जो कहीं जा रहे थे, रास्ते में उन्हें पता चला कि भोले बाबा का सत्संग है तो वह भी शामिल हो गए. इस कार्यक्रम में 80 हजार लोगों को शामिल होने की अनुमति थी लेकिन लगभग 2 लाख से ज्यादाा लोग शामिल हुए.”सुनिए पूरी चर्चा - टाइम कोड्स00:00 - 04:51 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 04:55 - 28:36 - सुर्खियां28:40 - 54:05 - हाथरस हादसा और अंधविश्वास54:06 - 1:26:00 - नए आपराधिक कानून 1:26:00 - 1:33:05 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 1:33:05 - 1:51:05 - मध्यप्रदेश में चुनावों के बाद फिर लौटा ‘बुलडोजर राज’1:51:05 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएमानसी वर्मा अरुंधति रॉय की किताब - द हैंगिंग ऑफ़ अफ़ज़ल गुरु अनस तनवीर श्रीलाल शुक्ल की किताब - राग दरबारी काशीनाथ सिंह की किताब - काशी का अस्सी शार्दूल कात्यायन कार्ल सेगन की किताब - डेमोन हॉन्टेड वर्ल्ड टीवी सीरीज - कॉसमॉस प्रशांत सागर की कविता - गुप्त प्रेम पत्र अतुल चौरसियामुश्ताक़ अहमद युसुफी की किताब -खोया पानी हृदयेश जोशी रस्किन बांड की रस्टी सीरीज अनमोल की हाथरस से रिपोर्ट ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार एडिटिंग: उमराव सिंह, सैफ अली इकरामएनएल चर्चा 325: असम में बाढ़, दिल्ली में बारिश और लोकसभा में ओम बिरला
01:12:11|इस हफ्ते असम में आई बाढ़, दिल्ली में हुई बारिश और 18वीं लोकसभा के पहले सत्र पर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा इस हफ्ते की प्रमुख ख़बरों में नीट मामले में सीबीआई द्वारा दो लोगों की गिरफ़्तारी, सीबीआई ने एक्साइज पॉलिसी मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी, अट्ठारहवीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत, ओम बिरला फिर चुने गए लोकसभा अध्यक्ष और राहुल गांधी बने विपक्ष के नेता आदि खबरें भी चर्चा में रहीं. इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा, ईश्वर और अमित कुमार ने शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रबंध संपादक रमन किरपाल ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन विकास जांगड़ा ने किया.चर्चा का संचालन करते हुए विकास कहते हैं, “संसद का सत्र शुरू हो चुका है, ओम बिरला फिर से अध्यक्ष चुन लिए गए, दस साल बाद हमने देखा कि विपक्ष का नेता भी है लेकिन जैसे ही सत्र शुरू हुआ सोमवार तक के लिए स्थगित भी हो गया.”स्मिता इस विषय पर अपने विचार रखते हुए कहती हैं, “विपक्ष का रुख़ इस बार ज़्यादा आक्रामक होगा, वहीं ओम बिरला जी को नॉमिनेट करने के कई निहितार्थ हैं. यह वही अध्यक्ष हैं जिनके रहते 150 सांसदों का निलंबन हुआ. वहीं, पीएम मोदी ने कैबिनेट के चेहरों में भी कोई खास बदलाव नहीं किया. वह संदेश देना चाहते हैं कि कुछ नहीं बदला है.”सुनिए पूरी चर्चा - टाइम कोड्स00 - 02:25 - इंट्रो एवं ज़रूरी सूचना02:30 - 04:28 - सुर्खियां04:30 - 35:35 - असम में बाढ़ से बिगड़े हालात 35:36 - 01:04:46 - संसद का नया सत्र 01:04:46 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएस्मिता शर्मा संकर्षण ठाकुर का लेख - शैडोई विक्टिमहुड: इंदिरा फाइंड्स रिफ्लेक्शन इन नरेंद्र मोदी ईश्वर वेब सीरीज - मामला लीगल है अमित कुमार डॉली किकॉन किताब - लिविंग विद आयल एंड कोलरमन किरपाल फिल्म - महाराज विकास जांगड़ाफिल्म - महाराजअसम में बाढ़ के इतिहास पर लेखट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: आशीष आनंद एडिटिंग: उमराव सिंहएनएल चर्चा 324: एनसीईआरटी का ‘इतिहास बदलने’ का प्रयास और चुनावों के बाद फिर लौटा ‘बुलडोजर राज’
01:56:28|इस हफ्ते एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में बदलाव और मध्यप्रदेश में ग्यारह घरों पर चले बुलडोज़र को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा इस हफ्ते की प्रमुख ख़बरों में अरविंद केजरीवाल को ज़मानत मिलने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट से ज़मानत पर रोक, नेट का पर्चा लीक होने के बाद परीक्षा की गई रद्द, वर्क परमिट रिन्यू नहीं होने के चलते फ़्रांसिसी पत्रकार को 13 साल भारत में पत्रकारिता करने के बाद छोड़ना पड़ा देश, राहुल गांधी ने वायनाड लोकसभा से दिया इस्तीफ़ा और भीषण गर्मी के चलते दिल्ली में करीब 400 मौतें और बिजली की मांग ने तोड़े कई रिकॉर्ड आदि शामिल इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, एसोसिएट प्रोफेसर और यूट्यूबर रविकांत किसाना और वरिष्ठ पत्रकार कल्पना शर्मा शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सीनियर रिपोर्टर प्रतीक गोयल और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “बारहवीं की किताब में अयोध्या से जुड़े पाठ को और ग्यारहवीं की किताब में माइनॉरिटी अपीज़मेंट से जुड़े खंड में बदलाव किया गया है.” रविकांत से सवाल करते हुए अतुल कहते हैं “यह पूरा विवाद क्या है जिस पर योगेंद्र यादव ने टिप्पणी की है?”रविकांत जवाब देते हुए कहते हैं, “एनसीईआरटी की किताबों में बदलाव का मुद्दा कोई नया नहीं है और यह बहुत समय से हो रहा है और आगे भी होगा, अभी जो मुद्दा है कि पोलिटिकल साइंस की किताबों में बदलाव किया गया है, जिसमें बाबरी और अयोध्या से जुड़े खंड में बदलाव किया है, मेरे लिए बतौर शिक्षक इस बदलाव से ज़्यादा इसके पीछे का जो कारण बताया गया है, वह समस्या पैदा करने वाला है.”सुनिए पूरी चर्चा - टाइम कोड्स00 - 04:04 - इंट्रो 04:04 - 16:53 - सुर्खियां16:53 - 18:26 - ज़रूरी सूचना 18:27 - 1:02:18 - एनसीईआरटी की किताबों के पाठ्यक्रम में बदलाव 1:02:25 - 1:19:52 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 1:19:52 - मध्यप्रदेश में चुनावों के बाद फिर लौटा ‘बुलडोजर राज’1:49:20 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएरविकांत नरेंद्र मोदी की किताब एग्जाम वॉरियर्स कल्पना शर्मा हरिशंकर परसाई का निबंध - भक्त से भेंट डॉक्यूमेंट्री - प्रिटेंड इट्स अ सिटी द गार्डियन पर ओलिवर बर्कमैन का कॉलम हृदयेश जोशी कान्त की मोरल थ्योरी अतुल चौरसिया कॉमिक पत्रिका - कश्मीर की कहानी विकास जांगड़ा मोनू मानेसर पर न्यूज़लॉन्ड्री की डॉक्यूमेंट्र सीजेपी का गौहत्या कानूनों पर लेख ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार एडिटिंग: उमराव सिंह, हसन बिलालएनएल चर्चा 323: नीट परीक्षा का विवाद और जम्मू में आतंकी हमलों की बाढ़
01:30:31|इस हफ्ते नीट यूजी के पेपर लीक और जम्मू कश्मीर में हुई आतंकवादी घटनाओं को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा इस हफ्ते की प्रमुख ख़बरों में नरेंद्र मोदी की तीसरी बार सरकार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लाल किले पर हमले के मामले में लश्कर-ए-तैय्यबा के आतंकवादी मोहम्मद आरिफ की दया याचिका ख़ारिज, उड़ीसा में पहली बार बनने जा रही बीजेपी सरकार, चंद्रबाबू नायडू ने ली आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ, आरएसएस प्रमुख और एक अन्य नेता का मौजूदा सरकार और बीजेपी को लेकर बयान, आरएसएस के नेता शांतनु सिन्हा ने बीजेपी आईटी प्रमुख अमित मालवीय पर लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप और अरुणाचल प्रदेश में चीन ने कई गांवों के नामों में किया बदलाव, जिसके बाद भारत सरकार का तिब्बत में 30 जगहों के नाम बदलने को लेकर विचार आदि शामिल रहीं.इस हफ्ते चर्चा में इंडियन एक्सप्रेस की सीनियर सब एडिटर दीक्षा टेरी, जम्मू से वरिष्ठ पत्रकार ज़फर चौधरी और एमबीबीएस डॉक्टर व आरटीआई एक्टिविस्ट विवेक पाण्डे शामिल हुए . इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रमुख संपादक रमन किरपाल ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “पटना में इस मामले को लेकर एक एफआईआर दर्ज हुई थी, जो जांच का विषय है. इस बार के जो नतीजे हैं, उसमें पहली बार कुछ अलग आंकड़े आए हैं, 67 छात्रों ने 720 नंबरों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है. 2023 में केवल 2 और 2022 में केवल 1 छात्र ने यह कीर्तिमान स्थापित किया था. यह बहुत सारे सवाल खड़े करता है.”इस मामले में अपनी बात रखते हुए दीक्षा कहती हैं, “इस बार 23 लाख से ऊपर बच्चों ने रजिस्टर किया और 22 लाख बच्चे पास हुआ हैं. एनटीए का कहना है कि पेपर आसान था. हालांकि, पेपर इतना भी आसान नहीं था कि सीधे 67 बच्चे टॉप करेसुनिए पूरी चर्चा - टाइम कोड्स00:00 - 03:20 - इंट्रो और जरूरी सूचना03:20 - 08:45 - सुर्खियां11:30 - 56:03 - नीट पेपर लीक विवाद 56:04 - 1:21:45 - जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं 1:21:45 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएदीक्षा टेरीवरुण ग्रोवर की फिल्म ऑल इंडिया रैंक विवेक पांडे कोटा में तैयारी करने वाले छात्रों पर डॉक्यूमेंट्री ज़फर चौधर रोबर्ट डी कैप्लन की किताब द ट्रैजिक माइंड डिस्पैच पर लेख - नोट्स फ्रॉम माई लास्ट डायरी रमन किरपाल द हिन्दू का लेख - द नीट शीटर्स न्यूज़लॉन्ड्री पर डॉक्यूमेंट्री -यूट्यूब की दुनिया के बहसबाज़ अतुल चौरसिया न्यूज़लॉन्ड्री पर डॉक्यूमेंट्री -यूट्यूब की दुनिया के बहसबाज़नेटफ्लिक्स पर डॉक्यूमेंट्री -हिटलर एंड द नाज़ीज ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार एडिटिंग: उमराव सिंह, हसन बिलालएनएल चर्चा 322: एग्जिट पोल का ढोल और गठबंधन के बंधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
02:09:25|इस हफ्ते आम चुनावों के नतीजों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. चर्चा के प्रमुख विषय इन चुनावों में समाजवादी पार्टी का उत्तर प्रदेश में बेहतरीन प्रदर्शन, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की प्रेस कॉन्फ्रेंस, और तमिलनाडु में मद्रास हाई कोर्ट ने सभी ट्रांसजेंडर्स को समस्तरीय रूप से आरक्षण देने का दिया आदेश आदि रहेइस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार अनीता कात्याल और हृदयेश जोशी शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिनंदन सेखरी, स्तंभकार आनंद वर्धन और शार्दूल कात्यायन ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “गठबंधन के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई सरकार बनने वाली है. मुसलमानों को आरक्षण देने की बात करने वाली तेलगु देशम पार्टी हो, तो क्या नरेंद्र मोदी की राह इतनी आसान होने वाली है?” इस विषय पर अपने विचार रखते हुए हृदयेश कहते हैं, “यह एक वास्तविकता है कि बीजेपी के पास बहुमत नहीं है लेकिन उनके पास इतनी ज़्यादा सीटें हैं कि वह बहुत ज़्यादा परेशान नहीं होंगे जैसे कि कांग्रेस की सरकार जो यूपीए 2 थी उसमें 206 सीटें थीं और यूपीए वन में लेफ्ट का 60 सीटों का ब्लॉक था.”सुनिए पूरी चर्चा - टाइम कोड्स00 - 03:15 - इंट्रो और जरूरी सूचना03:15 - 11:30 - सुर्खियां11:30 - 48:22 - एनडीए सरकार की चुनौतियां 46:22 - 1:14:40 - असफल एग्जिट पोल्स और मार्केट पर असर 1:34:15 - 1:46:15 - बहुजन समाज पार्टी और मायावती का पतन 1:46:15 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएअनीता कात्यालड्रामा सीरीज अ जेंटलमैन इन मास्को और द टैलेंटेड मिस्टर रिप्ली हृदयेश जोशी फ्रांज़ काफ्का की बायोग्राफी काहिंदी अनुवाद अभिनन्दन सेखरी एनडीए की पार्लियामेंट्री मीट आनंद वर्धन त्रिपुर्दमन सिंह की किताब - सिक्सटीन स्टॉर्मी डेज शार्दूल कात्यायनन्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइ करें पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी का इंटरव्यू अतुल चौरसिया सोहन लाल द्विवेदी की कविता - कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती न्यूज़लॉन्ड्री की लाइव इलेक्शन रिजल्ट्स कवरेज ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार एडिटिंग: उमराव सिंहएनएल चर्चा 321: आसमान से बरसती जानलेवा आग और सातवें चरण का चुनाव
01:42:03|इस हफ्ते जानलेवा होती जा रही गर्मी और सातवें चरण के चुनावों को लेकर चर्चा हुई. चर्चा के प्रमुख विषय गुजरात के एक गेम जोन और दिल्ली में बच्चों के एक अस्पताल में लगी आग, सेक्स स्कैंडल केस में प्रज्ज्वल रेवन्ना गिरफ्तार, और पूर्वोत्तर भारत में रीमल नामी चक्रवाती तूफ़ान से आई तबाही के अलावा भाजपा प्रत्याशी करण भूषण सिंह के गाड़ियों के क़ाफ़िले से 2 लोगों की मौत आदि रहइस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा, तमल साहा और सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के लीड कंसलटेंट अविकल सोमवंशी शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रधान संपादक रमन किरपाल और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन शार्दूल कात्यायन ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए शार्दूल कहते हैं, “मैंने व्यक्तिगत तौर पर यह महसूस किया है कि इस बार गर्मी में खास बात यह है कि रात को भी तापमान नीचे नहीं जा रहा. इसके पीछे कारण क्या हैं?”अविकल इस सवाल के जवाब में कहते हैं, “मैंने भारत के 6 महानगरों का पिछले 20 सालों का डाटा देखा. जिसमें यह काफी स्पष्ट रूप से नज़र आ रहा है कि सदी की शुरुआत में दिल्ली में दिन के मुक़ाबले रात को तापमान 12 से 14 डिग्री नीचे होता था लेकिन पिछले दो सालों से यह बस 8 या 9 डिग्री जा रहा है. यह खतरनाक भी है. इससे इंसान की काम करने की क्षमता भी प्रभावित हो रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार रात की गर्मी दिन की गर्मी से ज़्यादा खतरनाक है.सुनिए पूरी चर्चा -टाइम कोड्स00 - 02:45 - इंट्रो और जरूरी सूचना02:45 - 11:30 - सुर्खियां11:30 - 46:22 - जानलेवा होती गर्मी 46:22 - 1:28:40 - सातवें चरण का चुनाव 1:28:40 - 1:23:15 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 1:36:15 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएस्मिता शर्मा स्वतंत्र मीडिया को सहयोग देंरेड माइक चैनल पैर सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट्स अविकल सोमवंशी सेंटर फॉर साइंस की हीट वेव पर रिपोर्ट तमल साहा न्यूज़लॉन्ड्री की चुनावी कवरेज तमल साहा की न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़ द ट्र विकास जांगड़ वेब सीरीज : लॉ एंड आर्डर मुग़ले आज़म का गीततेरी महफ़िल में क़िस्मत आज़मा कर हम भी देखेंगेरमन किरपाल न्यूज़लॉन्ड्री के रिपोर्टरबसंत कुमार की चुनावी कवरेज इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट : व्हेन अ वेडिंग काल्ड ऑफ ओवर अ किसवेब सीरीज: स्कूल ऑफ़ लाइज शार्दूल कात्यायनवेब सीरीज : फॉल आउट फिल्म: जाने भी दो यारों बीबीसी की रिपोर्ट: क्लाइमेट चेंज ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: आशीष आनंदएडिटिंग: उमराव सिंह