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NL Charcha
एनएल चर्चा 314: चुनावी माहौल के बीच जनता की खामोशी और सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणियां
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय सुप्रीम कोर्ट द्वारा ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (सोन चिड़िया) से जुड़े एक मामले में टिप्पणी करते हुए कहना कि साफ और स्वच्छ पर्यावरण जीने के मूल अधिकार के बराबर ही है. इसके अलावा लोकसभा चुनावों के बीच विपक्षी दलों पर कार्रवाई और जनता के मूड पर विस्तार से चर्चा हुई.
इस हफ्ते चर्चा में अशोका यूनिवर्सिटी में मीडिया विभाग की प्रोफेसर माया मीरचंदानी शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से हृदयेश जोशी, स्तंभकार आनंद वर्धन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन पॉडकास्ट हैड शार्दूल कात्यायन ने किया.चर्चा की शुरुआत में शार्दूल सवाल करते हैं, “क्या सुप्रीम कोर्ट के ऐसा कहने के बाद लोगों के परिदृश्य में थोड़ा परिवर्तन आएगा?”
इसके जवाब में हृदयेश जोशी कहते हैं, “जब हम पर्यावरण की बात करते हैं और जब हम जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं. दोनों बातें एक साथ होते हुए भी थोड़ी अलग हैं क्योंकि जलवायु परिवर्तन एक लंबे समय तक के परिवर्तन होते हैं. पर्यावरण एक बहुत बड़ी संपत्ति है. कई बार हमें लगता है कि हमारी जीडीपी तो जोर-शोर से आगे बढ़ रही है लेकिन अगर हम पर्यावरण को खत्म कर देंगे तो जीडीपी ताश पत्तों की तरह गिर जाएगी.” सुनिए पूरी चर्चा-
टाइम कोड्स
00 - 02:25 - इंट्रो
02:26 - 08:25 - सुर्खियां
08:26 - 10:05 - जरूरी सूचना
10:06 - 51:46 - सोन चिड़िया के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
51:47 - 53:26 - सब्सक्राइबर्स के मेल
53: 27 - 1:37:55 - विपक्षी दलों एवं नेताओं पर कार्रवाई के बीच लोकसभा चुनाव में जनता का मिज़ाज
1:37:56 - 1:44:14 - सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएमाया मीरचंदानी
व्हिटनी फिलिप्स का लेख
जान वर्नर मुलर की किताब- व्हाट इज पॉपुलिज़्म
कुनाल पुरोहित की किताब- एच-पॉप: द सीक्रेटिव वर्ल्ड ऑफ हिंदुत्व पॉप स्टार्स
न्यूज़लॉन्ड्री परटीवी न्यूसेंस
आनंद वर्धन
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता
विकास जांगड़ान्यूज़लॉन्ड्री पर आया राम गया राम रिपोर्ट्स की सीरीज- हिंद और अंग्रेजी
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का इंटरव्यू
शार्दूल कात्यायन
न्यूज़लॉन्ड्री पर एक और चुनावी शो-हिंदी और अंग्रेजी
शिवनारायण राजपुरोहित की रिपोर्ट
गेम- ब्लड एंड बोन
ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधरी
प्रोड्यूसर: आशीष आनंद
एडिटिंग: उमराव सिंह
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छोटी चर्चा Episode 345
14:14|इस हफ्ते महाराष्ट्र में चल रहे चुनावों के बीच एनसीपी के नेता अजित पवार के बयान के बाद उठे विवाद को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. अजित पवार ने दावा किया कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जो बैठक हुई उसमें गौतम अडाणी मौजूद थे. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर के जरिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों को लेकर भी बातचीत हुई.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर और सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय हेगड़े ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.छोटी चर्चा Episode 344
18:03|इस हफ्ते अमेरिकी चुनाव के नतीजों और डोनाल्ड ट्रम्प की वापसी के निहितार्थों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा नागरिकों की निजी संपत्ति को लेकर दिए गए फैसले और उत्तर प्रदेश सरकार की बुलडोज़र नीति पर कोर्ट के आदेश पर भी बात की गई.छोटी चर्चा Episode 343
21:07|इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अमित दुबे और वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार कुसुम अरोड़ा ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रमुख संपादक राम किरपाल और विकास जांगड़ा चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.छोटी चर्चा Episode 342
14:32|इस हफ्ते बढ़ता वायु प्रदूषण और भारत-चीन सीमा विवाद समझौते को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा वायु प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली और हरियाणा सरकार को फटकार, ब्रिक्स के पार्टनर देशों में पाकिस्तान को जगह नहीं, जस्टिस संजीव खन्ना देश के नए चीफ जस्टिस होंगे, ओडिशा में दाना चक्रवात और भारत-कनाडा विवाद आदि विषय भी हफ्तेभर चर्चा का विषय रहे. चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, पर्यावरण विश्लेषक और एन्वायरो कैटलिस्ट के संस्थापक सुनील दहिया और इंडियन एक्सप्रेस की संपादक निरुपमा सुब्रमण्यम शामिल हुईं. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सहायक संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.छोटी चर्चा Episode 341
16:49|इस हफ्ते बहराइच में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा और भारत एवं कनाडा के बीच संबंधो में आए तनाव को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.छोटी चर्चा Episode 340
15:38|इस हफ्ते सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के जन्मदिन, उद्योगपति रतन टाटा के निधन, हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ-साथ हरियाणा विधानसभा चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.एनएल चर्चा 338: गाजा-इज़रायल संघर्ष का एक साल और प्रदूषण पर सरकार की नजरअंदाजगी
01:29:17|इस हफ्ते पश्चिम एशिया में जारी हिंसा और कई केंद्र शासित प्रदेशों की प्रदूषण कंट्रोल कमेटी में पिछले 10 सालों से खाली पदों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.इसके अलावा असम के कामरूप जिले में प्रशासन द्वारा 250 से अधिक मकान ध्वस्त, बीते 25 सितंबर को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण संपन्न, पश्चिम एशिया में जारी तनाव जिसमें करीब 558 लोगों की मौत और 1800 से ज्यादा लोग घायल और फिलिस्तीन के रमाला में इजरायली सैनिक की अल जजीरा ब्यूरो में घुसपैठ कर उसे बंद करने की धमकी देने जैसी खबरें प्रमुख रहीं.इसके अलावा उत्तर प्रदेश में खाने-पीने की जगहों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश, क्लाइमेट क्राइसिस एडवाइजरी ग्रुप द्वारा जारी एक रिपोर्ट में पर्यावरणीय बदलाव से निपटने के लिए भारत को बेहतर निगरानी और परीक्षण के तरीके अपनाने और संबंधित तंत्र में सुधार की जरूरत, बदलापुर घटना के आरोपी की पुलिस एनकाउंटर में मौत और श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन जैसी खबरों ने भी लोगों का ध्यान खींचा.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान विदेश मामलों के वरिष्ठ पत्रकार इफ़्तिख़ार गिलानी, स्वतंत्र पत्रकार स्मिता शर्मा, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से स्तंभकार आनंद वर्धन और वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी शामिल हुए. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए शार्दूल कहते हैं, “पश्चिम एशिया में पिछले एक सप्ताह से जारी हिंसा को रोकने के लिए शांति प्रस्ताव की पेशकश को इजरायल लगातार ठुकरा रहा है. इजराइल के इस रवैये के कारण आखिर यह संघर्ष किस दिशा में जाता दिखाई दे रहा है?”इस सवाल के जवाब में इफ़्तिख़ार कहते हैं, “अमेरिका, फ्रांस इत्यादि देशों ने 22 दिन के युद्ध विराम की अपील की थी लेकिन नेतन्याहू ने इस अपील को खारिज कर दिया. नेतन्याहू किसी भी हालत में अमेरिकी चुनाव से पहले जंग खत्म नहीं होने देना चाहते हैं, जिस दिन चुनाव खत्म होगा नेतन्याहू को अपना बोरिया बिस्तर समेटना होगा.”सुनिए पूरी चर्चा -टाइमकोड्स 00:36 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 04:30 - सुर्खियां20:37 - पश्चिम एशिया में जारी हिंसा 01:03:09 - केंद्र शासित प्रदेशों की पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी में खाली पद 59:37 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 01:18:01 - सलाह और सुझाव ट्रांसक्रिप्शन: संध्या वत्सप्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार/आशीष आनंदएडिटिंग: उमराव सिंहएनएल चर्चा 328: प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण, ट्रंप पर हमला और सीएम योगी की कुर्सी पर रार
01:39:37|इस हफ्ते उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाने की चर्चाओं, कर्नाटक में प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमले और आईएएस पूजा खेडकर पर लगे कदाचार के आरोपों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.इसके अलावा हफ्ते की प्रमुख सुर्खियों में उत्तर प्रदेश चुनावी हार को लेकर बीजेपी का मंथन, बांग्लादेश में चल रहे छात्र आंदोलन में 15 लोगों की मौत, हरिद्वार से दिल्ली के कांवड़ यात्रा रूट में दुकानदारों को अपने नाम की तख्ती लगाने के आदेश और एयर इंडिया की 600 पदों की नौकरियों के लिए लगभग 50 हजार युवाओं की भीड़ जुटने की ख़बरें शामिल रहीं. इस हफ्ते की चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, सबा नकवी, द न्यूज़ मिनट की एडिटोरियल हेड पूजा प्रसन्ना, प्रभात खबर के दिल्ली ब्यूरो प्रमुख प्रकाश के रे शामिल हुए. वहीं चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “यूपी में नेतृत्व बदलने को लेकर तमाम तरह की कहानियां सामने आ रही हैं. इस सम्बन्ध में भ्रष्टाचार के मामले, लॉ एंड ऑर्डर की समस्या, आरक्षण में धांधली जैसी बातें आ रही हैं. बीजेपी के एक एमएलए ने पिछले 42-45 सालों में सबसे अधिक भ्रष्टाचार होने जैसे बयान दिए तो वहीं एक अन्य एमएलए फतेह बहादुर सिंह अपनी जान की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल आरक्षण के लाभों के दुरूपयोग पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखती हैं. चुनाव में भी बीजेपी की हार हुई है. क्या इन सब घटनाओं देखते हुए योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाया जा सकता जैसे कभी राम बाबू गुप्ता और कल्याण सिंह को हटाया गया था?”इस सवाल के जवाब में सबा कहती हैं, “ अगर आरएसएस योगी को हटाता है तो इससे सामाजिक न्याय का सन्देश जाएगा. साथ ही ये भी लगेगा कि वो हिंदुत्व के मुद्दे से हट गई है. क्या इस चीज़ को आरएसएस मंजूर कर पाएगा?”हार के कारणों पर बोलते हुए सबा कहती हैं, “ये चुनाव नरेन्द्र मोदी के नाम पर लड़ा गया था. समाजवादी पार्टी ने जहां जमीनी स्तर पर चुनाव लड़ा तो वहीं बीजेपी ने शो ऑफ किया. बेरोजगारी, भूख, महंगाई जैसे मुद्दों पर कोई कदम नहीं उठाए.” सुनिए पूरी चर्चा -टाइमकोड्स 00:00 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 03:47 - सुर्खियां 18:32 - डोनाल्ड ट्रंप पर हमला 35:00 - सीएम योगी आदित्यनाथ का पद संकट में? 01:09:35 - कर्नाटक में प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण का मुद्दा 01:31:52 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएहृदयेश जोशी प्रियदर्शन का निबंध संग्रह - जो हिंदुस्तान हम बना रहे हैंपूजा प्रसन्नात्रिपुर दमन सिंह की किताब- द सिक्सटीन स्टोर्मी डेज़अरविंद नारायण की किताब- इण्डियाज अनडिकलेयर्ड इमरजेंसी द न्यूज़ मिनट का कार्यक्रम- लेट मी एक्सप्लेन (प्रति शुक्रवार)प्रकाश के रेफिल्म: महाराजा टोनी जूट की किताब- यूरोप का इतिहास 1945 से अतुल चौरसिया फिल्म- ओपनहाइमर ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार एडिटिंग: उमराव सिंह, सैफ अली इकरामएनएल चर्चा 327: दिल्ली यूनिवर्सिटी में मनुस्मृति और गुजारा भत्ते पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
01:30:32|इस हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले में सीआरपीसी की धारा 125 के तहत मुस्लिम महिला को अपने पति से गुज़ारे भत्ते के लिए मिले कानूनी अधिकार पर विस्तार से चर्चा हुई. इसके अलावा मुंबई के हिट एंड रन केस और दिल्ली यूनिवर्सिटी में मनुस्मृति लागू करने के प्रस्ताव पर भी बात हुई. हफ्ते की प्रमुख सुर्खियों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडी मामले में अरविन्द केजरीवाल को अंतरिम जमानत, जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकी हमले में कई जवानों की शहादत, लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पर डबलडेकर बस की टक्कर से 18 लोगों की मौत, यूपी के शामली में नए कानून के तहत पत्रकारों की गिरफ्तारी का पहला मामला, ब्रिटेन और फ्रांस में हुए आम चुनाव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा आदि शामिल रहीं.इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार स्मृति शर्मा, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता नबीला जमील और वरिष्ठ पत्रकार सुधीर सूर्यवंशी शामिल हुए. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से विकास जांगड़ा ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन अतुल चौरसिया ने कियाचर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “क्या सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं को गुज़ारे भत्ते के इस कानून को लाने में देरी कर दी या ये कोई गैरजरूरी हस्तक्षेप है, जैसी चीजें अब तक चल रही थी वैसी चलनी चाहिए थी?”इस सवाल के जवाब में नबीला कहती हैं, “सुप्रीम कोर्ट ने न देरी कि है,न कुछ नया किया है. रिपोर्टिंग में चीजें ऐसी दिखाई दे रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नया क्रिएट किया है. लेकिन ये चीजें पहले से रही हैं. उन्होंने साल 1920 के जस्टिस कृष्णा अय्यर के जजमेंट के विषय में बात करते हुए कहा कि इसी जजमेंट में यह कहा गया था कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत एक मुस्लिम महिला अपने पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है.”सुनिए पूरी चर्चा - टाइमकोड्स 00:00 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 00:04 - सुर्खियां 13:40 - गुजारा भत्ते के अधिकार पर बातचीत 41:34 - दिल्ली यूनिवर्सिटी में मनुस्मृति पढ़ाने का प्रस्ताव01:01:50 - हिट एंड रन मामला 01:17:25 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 01:24:25 - सलाह और सुझाव पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएनबीलाधारा 125 पर सुप्रीम कोर्ट का जजमेंटस्मिता शर्मास्मिता शर्मा का यू ट्यूब चैनलसुधीर सूर्यवंशी डी एन झा की किताब द मिथ ऑफ़ होली काउबी आर अम्बेडकर की किताब द अनटचेबल विकासनाटक धर्मक्षेत्र अतुल चौरसिया फिल्म - महाराज संतोष सिंह की किताब - द जननायक कर्पूरी ठाकुर: वॉइस ऑफ़ द वाइसलेस ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा प्रोड्यूसर: प्रशांत कुमार एडिटिंग: उमराव सिंह, सैफ़ अली इकराम