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Let's Talk About


Latest episode

  • Teaser | Let’s Talk About: Chandrayaan-3, ISRO, and the pros and cons of India’s space programme

    15:55|
    NL TeamFour months after Chandrayaan-3 successfully landed on the moon, Newslaundry dives into the tricky questions that lie behind it. What are the benefits of a moon mission? Do we need a space programme at all? What does it take to run the Indian Space Research Organisation?Welcome to Let’s Talk About: ISRO and Chandrayaan, where host Abhinandan Sekhri sits down with EK Kutty, former director (project planning program management) at ISRO, and Jayaram Kolangara, former deputy director at ISRO. They’re joined by subscribers too who got to ask questions during a live Zoom session.Tune in for a free-wheeling chat on ISRO’s role in development communication, the future of space travel, the efforts of people behind the scenes at ISRO, and a lot more.Produced by Chanchal Gupta, edited by Chanchal Gupta and Samarendra K Dash.ReferencesIndia in Space: Between Utility and Geopolitics by Marco AlibertiChristopher Nolan’s InterstellarRobert Zemeckis’s ContactAlfonso Cuarón’s GravityAdam McKay’s Don’t Look UpWhy Civil Rights Activists Protested the Moon LandingThe Moon Landing was Opposed by Majority of US List of 6 manned moon missions: People who stepped on the moon after Neil Armstrong How Many Times Has the US Landed on the Moon?

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  • लेट्स टॉक अबाउट इरफानः कच्ची उम्र में बड़े मुकाम हासिल करने वाले खान (Teaser)

    21:50|
    शराफत की दुनिया का किस्सा ही खत्म, अब जैसी दुनिया वैसे हम… फिल्म जज्बा के इस आमफहम डायलॉग को इरफान ने जिस कविताई के साथ अदा किया वह करोड़ों हिंदुस्तानियों के दिलों में उतर गया. लगभग इसी बहते हुए अविकल झरने की तरह अपनी अदायगी से इरफान हम हिंदुस्तानियों की दुनिया का हिस्सा बने थे. फिर  29 अप्रैल 2020 को अचानक वो हमारी इस दुनिया से अलग हो गए. यह सिर्फ इरफान के परिजनों, दोस्तों, रिश्तेदारों या उनके प्रशंसकों के लिए दिल तोड़ने वाली खबर नहीं थी बल्कि फिल्मों से जुड़े, फिल्मों में दिलचस्पी रखने वाले हर शख्स के लिए एक बड़ा झटका थी. इरफान तिरपन की कच्ची उम्र में हमारे बीच से चले गए. इरफान न्यूरोएंडोक्राइन नाम की एक असाध्य बीमारी से घिर गए थे. यह बीमारी दुर्लभ किस्म का कैंसर है, जिस पर दुनिया में बहुत कम खोजें और रीसर्च उपलब्ध हैं. लेकिन इस कच्ची उम्र में इरफान ने बहुत ही पकी उम्र वाले मुकाम हासिल किए. इरफान ने लगभग हर तरह का किरदार निभाया. न सिर्फ निभाया बल्कि उसे जीया भी. मार्च 2020 में आई फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' इरफान की आखिरी फिल्म थी.  न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर की बीमारी के बारे में खुद इरफान खान ने साल 2018 में ट्विटर के जरिए  जानकारी दी थी. उनका ट्वीट कुछ इस प्रकार था- "जीवन में अनपेक्षित बदलाव आपको आगे बढ़ना सिखाते हैं. पता चला है कि मुझे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है. इसे स्वीकार कर पाना मुश्किल है. लेकिन मेरे आसपास जो लोग हैं, उनका प्यार और उनकी दुआओं ने मुझे ताकत दी है. कुछ उम्मीद भी बंधी है. फिलहाल बीमारी के इलाज के लिए मुझे देश से दूर जाना पड़ रहा है. लेकिन मैं चाहूंगा कि आप अपने संदेश भेजते रहें.”इरफान की मौत के बाद उनके बेटे बाबिल ने उनकी आखिरी याद को कुछ इन शब्दों में साझा किया था- 'उनकी मौत से दो तीन दिन पहले मैं अस्पताल में था. वो होश खोते जा रहे थे. अंतिम पलों में उन्होंने मेरी ओर देखा, मुस्कुराए और कहा- मैं मरने वाला हूं, मैंने उन्हें कहा ऐसा नहीं होगा, वो फिर मुस्कुराए और सो गए.' इरफान ने मौत को भी हंसते हंसते ही गले लगाया. लेट्स टॉक अबाउट में न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने फिल्म समीक्षक शुभ्रा गुप्ता और अजय ब्रह्मात्मज के साथ इरफान के सफर, शख्सियत, अदायगी, कला, फन और जीवन के अन्य पहलुओं पर लंबी बातचीत की है. तो आनंद लीजिए.. 
  • 4. Ep 4 (Teaser) | Let’s Talk About: BJP’s new power duo and shadow on Indian polity

    06:18||Season 1, Ep. 4
    With Atal Bihari Vajpayee’s retirement and LK Advani’s poll rout, the 2014 Lok Sabha election paved the way for a new power duo to take over the BJP. It was after the RSS greenlighted Gujarat chief minister Narendra Modi as a prime ministerial candidate.Welcome to the final episode of Let’s Talk About: BJP, which focuses on the ascendance of Modi, and his journey from a Sangh pracharak to Raisina Hill. With subsequent image makeovers, he managed to recast himself as a “saviour” of the Indian security state and win a landmark mandate for his party in the 2019 polls.
  • 3. Ep 3 (Teaser) | Let’s Talk About: The old and new BJP from Vajpayee to Modi

    06:13||Season 1, Ep. 3
    In the 90s and 00s, the BJP emerged as a pole in the coalition era as Atal Bihari Vajpayee forged new partnerships in power. However, as prime minister, his own jugalbandi with LK Advani saw fault lines. These were years of a series of minority governments – a trend only reversed by Narendra Modi’s decisive victory in 2014.Welcome to the third episode of Let’s Talk About: BJP, which takes us through NDA governments, disagreements within the BJP in the wake of the Gujarat riots, the UPA’s scam taint, the Anna Hazare-led anti-corruption protests, and the emergence of Modi.To listen to the full podcast, subscribe to Newslaundry.
  • 2. Ep 2 (Teaser) | Let’s Talk About: BJP’s ideological dilemma and voter base

    05:20||Season 1, Ep. 2
    In the sociopolitical landscape of the ’80s and ’90s, the BJP found itself at a crossroads, trying hard to consolidate its support base while navigating between Gandhian socialism and Hindu nationalism under the leadership of Atal Bihari Vajpayee and LK Advani.Welcome to the second episode of Let’s Talk About: BJP, which looks at events that helped the party recast itself within the Indian polity, from Indira Gandhi’s assassination, to the Mandal Commission, the Shah Bano case, Advani’s Rath Yatra and the Babri demolition.
  • 1. Ep 1 (Teaser) | Let’s Talk About: BJP’s origins and RSS role

    06:30||Season 1, Ep. 1
    The Bharatiya Janata Party is today the most dominant political force in India, with two consecutive landslide victories in the Lok Sabha and a march to power in several states. But what’s the backstory behind the BJP’s enduring rise, and who are the faces who cemented its formidable organisation?Welcome to the first episode of Let’s Talk About: BJP, a series tracing the BJP’s origins, and the antecedents of its ecosystem, from the pre-independence era to the Jana Sangh and the birth of the party in 1980.This is a sneak peek into the first episode. To listen to the full podcast, subscribe to Newslaundry. Pay To Keep News Free.
  • लेट्स टॉक अबाउट: सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय (Teaser)

    09:23|
    सच्चिदानंद हीरानंद वातस्यायन अज्ञेय. जितना भारी भरकम नाम, उतना ही भारी भरकम व्यक्तित्व. अज्ञेय का जिक्र आने पर एक मूर्धन्य कवि, शैलीकार, कथा साहित्य को एक महत्त्वपूर्ण मोड़ देने वाले कथाकार, निबन्धकार, दिग्गज सम्पादक की छवि हमारे सामने आती है. लेकिन अज्ञेय का व्यक्तित्व इससे भी विराट और बहुआयामी था. अज्ञेय की लेखकीय पहचान से अलग उनका विद्रोही अतीत, क्रांतिकारी झुकाव, उनका सैन्य अतीत, उनका राजनीतिक झुकाव, उनका निजी जीवन इतना परतदार और विशद हैं, जिसे समग्रता में आज तक समेटा नहीं गया है. अज्ञेय के तमाम अनछुए पहलुओं को भारी-भरकम किताब की शकल में हमारे सामने लेकर आए हैं पत्रकार और लेखक अक्षय मुकुल. अक्षय की हालिया किताब ‘राइटर, रेबेल, सोल्ज़र, लवर- मेनी लाइव्स ऑफ अज्ञेय’, अज्ञेय की ज़िंदगी के तमाम अनदेखे पक्ष उजागर करती है. लेट्स टॉक अबाउट के इस अंक में हम बात करेंगे अक्षय मुकुल और उनके साथ ओम थानवी से. अज्ञेय के बहुत करीब रहकर काम करने का सौभाग्य रहा है ओम थनवी को. चार दशकों तक पत्रकारिता का अनुभव, हिंदी पत्रकारिता में मील का पत्थर रही जनसत्ता अखबार के संपादक पद से पदमुक्त हुए ओम थानवी के नाम अज्ञेय की जन्मशती के मौके पर एक ग्रंथनुमा पुस्तक अपने-अपने अज्ञेय का संकलन-संपादन का श्रेय है. तो अक्षय मुकुल और ओम थानवी के साथ लेट्स टॉक अबाउट अज्ञेय.